अम्बा दत्त, अल्मोड़ा : सावधान देश वासियो , 10 अप्रैल को भारत बंद एक षड्यंत्र है, आज हमें इसे समझना होगा और देश की तरक्की में बाधा डालने वाले लोगो की चालों से भी बचना होगा , आप सभी जानते हैं कि जिस प्रकार दलित समुदाय को गुमराह करके पूरे देश में आग लगाने का षड्यंत्र रचा गया, उसमें वह पूरी तरह कामयाब न हो पाए तो उन्होंने स्वर्ण वर्ग को 10 अप्रैल का बंद करने के लिए उकसाया,
आल इंडिया श्री परशुराम महादल के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष मनोज शर्मा ने सभी ब्राह्मणो को १० अप्रेल के बंद के षड्यंत्र को समझने के लिए आग्रह किया हे, और उन्होंने जोर देकर कहा की भाइयो जरा बच कर कुछ लोग ब्राह्मण नाम रख कर सोशल मिडिया पर हिन्दू एकता को तोड़ने के लिए षड्यंत्र चला रहे हैं, और वहीँ कुछ भाजपा विरोधी पार्टी से जुड़े ब्राह्मण लोगो को आज आरक्षण की याद कुछ ज्यादा ही आ रही हे , जरा उनसे यह भी पूछो आखिर उन्हें याद तब क्यों न आई जब वह सत्ता में थे , में आप से पुनः निविदीन करता हूँ की नाम पर मत जाना मित्रो उसकी फेसबुक की डिटेल देख कर आप उसकी मानसिकता समझ जायेंगे
इस षड्यंत्र से बचना होगा अपनी बुद्धि और विवेक का इस्तेमाल करें और सभी को सावधान रहने के लिए कहीं।
आज देश सोशल मीडिया के चुंगल में ऐसा फंसा हुआ है कि बहुत से समझदार लोग भी सोशल मीडिया में चलाए जा रहे भ्रम में फंसते जा रहे हैं कुछ ही दिन पहले एक बहुत बड़ा खुलासा भी हुआ कि किस प्रकार से एक बहुत बड़ी कंपनी जिसका नाम एनालिटिका है भारतीय Facebook यूजर्स को गुमराह करने के लिए काम कर रही है
कहीं ना कहीं दलितों को गुमराह करने के लिए भी सोशल मीडिया पर बहुत ही गलत सूचनाएं दी गई जिसके चलते उन्हें भ्रम फैला दिया गया कि अब आपकी रिजर्वेशन बंद हो जाएगी और संविधान भी बदल दिया जाएगा इस मैसेज को इतना फैलाया गया कि दलित समुदाय के लोग इसे सच मान बैठे और देश में आग लगा डाली इसी प्रकार से अब स्वर्ण वर्ग को सोशल मीडिया पर 10 अप्रैल में प्रदर्शन करने के लिए उकसाया जा रहा है यह एक सोची समझी साजिश है
आज हम सभी को इसे समझना होगा और देश की तरक्की में बाधा डालने वाले लोगों को उनकी नापाक इरादों कभी पूरा ना करने का प्रण लेना होगा ऐसा भी माना जा रहा है कुछ भारतीय राजनीतिक दल भी इन दंगों को अंजाम देने में लगे हुए हैं देशवासियों जागो और सभी हिंदू हो ना कोई ब्राह्मण ना कोई जात ना कोई गुज्जर ना कोई यादव ना कोई खत ना कोई रविदासिया ना कोई बाल्मीकि या ना कोई महत्व हम सब हिंदू हैं जय हिंद जय भारत
डॉ. भीमराव आम्बेडकर जी के विचारों को वामपंथियों ने बंधक बनाया : किशोर भाई मकवाना
◆ मैं जाट बन कर मांग करने उतरा, कॉंग्रेस ने कहा हम जाट के साथ है,
● मैं गुर्जर बनs कर मांग करने उतरा, काँग्रेस ने कहा हम गुर्जर के साथ है,
● मैं दलित बनकर मांग करने उतरा, काँग्रेस ने कहा हम दलित के साथ है
● मैं राजपूत बनकर मांग के लिए उतरा, काँग्रेस ने कहा हम राजपूत के साथ है
● मैं पाटीदार बनकर माँग के लिए उतरा, काँग्रेस ने कहा हम पाटीदारो के साथ है,
● मैं मराठा बनकर माँग के लिए उतरा, काँग्रेस ने कहा हम मराठा के साथ है,
◆ बस आखिर में मैं हिन्दू धर्म की सभी जातियो को एक करके साथ लेकर, माँग के लिए उतरा,
काँग्रेस दफ्तर से आवाज आई, अरे ये तुम सब हिन्दू एक कैसे हो गए, घोर असहिष्णुता, ये कट्टरवाद है, ये मनुवाद है, हम भगवाधरियो के खिलाफ है,
हिन्दू एक हो जाए तो कट्टरपंथी,
और बट बट कर अलग अलग होकर न्याय के लिए उतरे तो क्रांतिकारी,
ये है अभी तक का इतिहास, उस पार्टी का जो आज़ादी का श्रेय अकेले लेने की कोशिश करती है
बाकी तो आप सब हमसे भी बड़े बुद्धिजीवी है, स्वयं विचार कीजिये, राजनिति समाज पर कैसा प्रभाव करती है, कैसे समाज को बाटती है..