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आजकल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दिखाया गया है कि कुछ अनुसूचित भाईयों ने हनुमान जी की मूर्ति पर थूका और उन्हें जूते से मारा। इस विषय में मेरा पूरे हिंदू समाज से निवेदन है कि एक बार अपने घर के आसपास नजर उठाकर देख लीजिए। क्या हमारे आसपास रहने वाले हमारे अनुसूचित समाज के भाई ऐसा कर सकते हैं?? जो दीपावली , होली समेत वर्ष भर सैकड़ो त्योहार उत्साह से मना रहे है ।
भारत का यह शोषित पीड़ित और वंचित समाज सदियों से सनातन धर्म का उपासक रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि जो लोग बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर के अनुयाई हैं, वे तो ऐसा कर ही नहीं सकते, क्योंकि स्वयं बाबासाहेब ने बुद्ध मत स्वीकार किया था, जो कि दुनिया का सबसे सहिष्णु एवं अहिंसक मत है तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत को ही सहेजे हुए हैं।
तो फिर प्रश्न उठता है कि हनुमान जी के चित्र के प्रति अपमान प्रदर्शित करने वाले तथा हिंसा द्वारा समाज को डराने वाले , यह लोग कौन हैं??
इसका उत्तर बिल्कुल स्पष्ट है कि आजकल अनुसूचित जाति के आंदोलनों का नेतृत्व करने वाले तथाकथित अनुसूचित एक्टिविस्ट या तो कम्युनिस्ट हैं या मतांतरित ईसाई। “जय मीम जय भीम” का नारा देने वाले जिहादी मुसलमान भी अनुसूचित समाज के इन आंदोलनों में घुस चुके हैं।
हिंदू मंदिरों का विध्वंस करना, मूर्तियों को खंडित करना एवं हिंदू नारियों का बलात्कार करना यह सब तो इस्लामी आक्रांताओं के जन्मजात कुसंस्कार ही रहे हैं।
साथ ही धूर्त ईसाई मिशनरियों ने भी वेटिकन सिटी में रखी हुई अपनी अरबों-खरबों की दौलत के बल पर भारत के भ्रष्ट न्यूज़ चैनल और अखबारों का सहारा लेकर तथा छल कपट झूठ फरेब का सहारा लेकर हिंदूधर्म, हिन्दू देवी देवताओं तथा साधु संतों को बदनाम करने के लिए पिछले कुछ दशकों से अनवरत अभियान चला रखा हैं।
ऐसे एक्टिविस्टों की आड़ में इसी तरह के चर्च प्रेरित लोग हैं जो हिंदू समाज को पूरी तरह तोड़ देना चाहते हैं।
रही बात धर्म को अफीम मानने वाले देशद्रोही कम्युनिस्टों की, तो उन्होंने हमेशा भारत के पौराणिक इतिहास को नकारा है। भारत के शिक्षण संस्थाओं पर कब्ज़ा करके देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ करके हिंदू धर्म और संस्कृति को नीचा दिखाने की कोशिश निरन्तर कर रहे है।
यही लोग आज अनुसूचित जातियों के रहनुमा बन रहे हैं। अतः हिंदू समाज से यह निवेदन है कि इस वीडियो को देख कर हमारे देश के अनुसूचित समाज के प्रति कोई नकारात्मक भाव मन में ना लाएं। तथा अपनी पूरी शक्ति से हिंदू समाज की एकता अखंडता एवं सामाजिक समरसता बनाए रखने की कोशिश निरंतर जारी रखें।
कृपया इस वाक्य को सदा याद रखे।
” हिन्दू भाव को जब – 2 भूले,
आई विपद महान ,
भाई टूटे धरती खोई ,
मिटे धर्म संस्थान !”