आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के ख़िलाफ़ लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग ने अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेज दी है. आयोग ने शुक्रवार को ही इस मामले में सुनवाई पूरी की.
चुनाव आयोग को राष्ट्रपति को अपनी सिफारिश भेजनी थी कि ये मामला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का है या नहीं. इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल का दावा है कि यह मसला ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का ही है और अगर ऐसा हुआ तो आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता जाना तय है.
दरअसल आम आदमी पार्टी सरकार ने 20 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किया था, जिसके बाद इस नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था. आम आदमी पार्टी सरकार पर आरोप लगे थे कि इस नियुक्ति से इन विधायकों को लाभ का पद दिया गया है जिसके चलते वे विधानसभा सदस्यता के लिए अयोग्य हो गए हैं.
चुनाव आयोग द्वारा सिफारिश भेजने के बाद अब इस मामले में राष्ट्रपति को अंतिम फ़ैसला लेना है. राष्ट्रपति के निर्णय के बाद इन विधायकों की किस्मत का फ़ैसला होगा कि उनकी सदस्यता बचेगी या नहीं.
इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता प्रशांत पटेल ने दावा किया है कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता जाना तय है.
भारतीय जनता पार्टी ने मांग की है कि आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों के मामले में तुरंत फ़ैसला आना चाहिए और इन विधायकों की सदस्यता रद्द की जानी चाहिए. पार्टी नेता सतीश उपाध्याय ने कहा कि इन विधायकों की नियुक्ति ग़ैरक़ानूनी थी.