प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के पहले विश्व मोबिलिटी शिखर सम्मेलन ‘मूव’ का उद्घाटन किया. नीति आयोग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में इलेक्ट्रिक वाहन और साझा मोबिलिटी को प्रोत्साहन जैसे मुद्दों पर चर्चा हो रही है. ये सम्मेलन शनिवार तक चलेगा. सम्मेलन का मुख्य मकसद भारत में लोगों के यात्रा करने के तरीके में बड़ा बदलाव लाना है. इस अवसर पर पीएम ने देश में मोबिलिटी के भविष्य पर सात ‘C’ का फॉर्मूला दिया और कहा कि बेहतर मोबिलिटी बेहतर नौकरियां, स्मार्ट बुनियादी ढांचा प्रदान करती है और जीवन की गुणवत्ता में सुधार आता है.
देश के पहले मोबिलिटी सम्मेलन का प्रधानमंत्री ने विज्ञान भवन में उद्घाटन किया. उन्होंने इस मौके पर आधुनिक यातायात व्यवस्था से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रधानमंत्री ने स्मार्ट सिटी में यातायात के लिए इस्तेमाल होने वाली तकनीक, हैकॉथान में शामिल विजेताओं के इनोवेशन को भी देखा. सम्मेलन में प्रधानमंत्री का ज़ोर देश में बढ़ती आधुनिक परिवहन व्यवस्था की ज़रूरत के साथ ही आर्थिक विकास में मोबिलिटी सेक्टर के योगदान पर भी रहा. उन्होंने कहा कि भारत भविष्य में पर्यावरण हितैषी बैटरी तकनीक पर भी काम कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने बढ़ती जाम की समस्या, बढ़ते प्रदूषण के बीच देश में हो रहे सुधारों की बात कही. प्रधानमंत्री ने डिजिटल तकनीक के ज़रिए सस्ते, सुगम और सभी के लिए यातायात के साधनों को तकनीक आधारित बनाने पर ज़ोर दिया. उन्होंने मोबिलिटी क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं के बीच भारत के योगदान और रोज़गार के अवसरों को भी बताया.
उन्होंने कहा कि भारत हालांकि विश्व के मुक़ाबले कम वाहनों का उपयोग करता है. बावजूद इसके भारत जलवायु परिवर्तन से धरती को बचाने के प्रयास में हर तरह की कोशिश कर रहा है. यही वजह है कि सौर ऊर्जा एलायंस के अलावा दूसरे वैकल्पिक ऊर्जा साधनों को बढ़ने पर भी ज़ोर है.
युवाओं का नई तकनीक को विकसित करने, अपार संभावनाओं के ज़रिए यातायात व्यवस्था को विकसित करने का आह्वान भी प्रधानमंत्री ने किया. दो दिवसीय सम्मेलन का मकसद पर्यावरण आधारित, स्वच्छ ईंधन वाली, सभी के लिए बिना किसी परेशानी के सुगम परिवहन उपलब्ध कराना है.