भारत के लिए एक बेहद ही गौरव का क्षण रहा, जब भारत में ही बनी स्वदेशी धनुष तोप भारतीय सेना में शामिल हो गई. इसके साथ ही सेना की शक्ति भी पहले से काफी बढ़ गई है. बता दें कि इसकी शक्ति बोफोर्स तोप के बराबर है. सेना के प्रयोग में आ रही आर्टिलरी गनों की तुलना में यह तोप वजन में हल्की और इंजनयुक्त है, जिससे इसको ऊबड़-खाबड़ रास्ते या पहाड़ी, रेतीले क्षेत्रों तक ले जाना आसान है.
भारत लंबे समय से हथियारों को विदेशो से खरीदता रहा है, जिसकी वजह से भारत अन्य देशों पर निर्भर रहा है लेकिन बीते कुछ सालों में देश में ही हथियारों के निर्माण में तेजी आई है इसका एक और उदाहरण देखने को मिला जब सोमवार को जबलपुर में धनुष तोप को भारतीय सेना में शामिल किया गया. भारतीय सेना में मौजूद बोफोर्स तोप से भी ज्यादा आधुनिक धनुष के शामिल होने से भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हुआ है. ‘धनुष’ एक ऐसी तोप है, जिससे सेना की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा. 45 कैलिबर की 155 मिलीमीटर की ये तोप पुरानी बोफोर्स की तकनीक पर जबलपुर के ऑर्डिनेस फैक्ट्री बोर्ड ने बनाई है. भारतीय सेना ने कुल 114 धनुष निर्माण का ऑर्डर दिया है, जिसमें से 6 तोप सोमवार को सेना को सौप दी गई. प्रतिवर्ष 60 धनुष तोप बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
मेक इन इंडिया के तहत भारत में निर्मित धनुष की मारक क्षमता 38 किलोमीटर तक है. एक तोप एक घंटे में 42 राउंड फायर कर सकने में सक्षम है. 13 टन से भी कम वजन की होने के कारण इस तोप को आसानी से किसी भी दुर्गम इलाके तक आसानी से ले जाया जा सकता है. कई प्रकार के अत्याधुनिक तकनीक से लैस धनुष किसी भी मौसम और वातावरण में पूरी तरह से काम करने में सक्षम है.
धनुष तोप में 81 फीसदी कलपुर्जे भारत में ही बने है जो आने वाले वक्त में मेक इन इंडिया को बढ़ावा देंगे.