अनिल दयाल, चंडीगढ़ : हिमाचल भवन चण्डीगढ़ परिसर में चल रही पाक्स्तिानी कला एवं शिल्प प्रदर्शनी मूलरूप से हिमाचल मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह की दोहरी नीतियों का जीता-जागता प्रमाण है। जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री धर्मशाला में होने वाले भारत-पाक्स्तिान टी-20 क्रिकेट मैच को शहीदों के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला कदम बता रहे थे वहीं वह आज हिमाचल भवन चण्डीगढ़ परिसर में चल रही पाकिस्तानी कला एवं शिल्प प्रदर्शनी को अनुमति देना तथा पाक्स्तिानी कलाकारों व लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करवा रहें है। इनकी माने तो ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रकार के रोजगार अवसरों से किसी की भी देश भावना को ठेस नहीं पहुंचती, परन्तु दोनों देशों के बीच खेल भावना को बढ़ावा देने से सभी की देशभक्ति पर एक बहुत बड़ा प्रशनचिन्ह लगता है।
श्री अनुराग ठाकुर, सांसद, भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं आई0टी0 कमेटी के अध्यक्ष ने श्री वीरभद्र सिंह के दोहरे मापदण्डों पर कड़ा कटाक्ष करते हुये कहा कि अगर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन इस मैच के आयोजन के पक्ष में थी तो वे सिर्फ इसलिए क्योंकि इसके माध्यम से प्रदेशभर के लोगों को रोजगार के सुअवसर प्राप्त होते तथा पर्यटकों की संख्या में भी भारी इज़ाफा होता। इस मैच के माध्यम से प्रदेश का नाम विश्व पटल पर आ जाता। परन्तु प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रदेश का नाम विश्व पटल पर आता कहां भाता।
अन्त में श्री ठाकुर ने कहा कि श्री वीरभद्र सिंह की जवाबदेही मेरे नहंीं बल्कि प्रदेश की जनता के प्रति है। उन्हें स्पष्टरूप से बताना चाहिए कि अगर भारत-पाक्स्तिान के तमाम् आयोजनों से शहीदों के परिवारों की भावनाओं को ठेस पहुंचती है तो पाकिस्तानी कला एवं शिल्प प्रदर्शनी का आयोजन भी क्यों??