सरकार ने नयी एविएशन नीति को दी मंजूरी, घंटे भर की यात्रा के लिए 2500 रुपए होगा किराया, छोटे कस्बों और शहरों में एयरलाइंस सेवाएं शुरु करने पर जोर, टिकट कैंसिलेशन और रिफंड के नियम होंगे आसान
देश के हवाई यात्रियों के अच्छे दिन लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए केंद्र सरकार ने आजाद भारत के इतिहास में पहली बार एविएशन पॉलिसी को मंजूरी दी है।
बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई। नीति का उद्देश्य न केवल लोगों को अधिक सुविधा देना है बल्कि ज्यादा लोगों तक हवाई सेवा का फायदा पहुंचाना है।
नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने नयी पॉलिसी को गेमचेंजर बताते हुए कहा कि देश का विमानन क्षेत्र 2022 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन क्षेत्र बनने जा रहा है।
नई नीति में रीजनल कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है यानी छोटे कस्बों व शहरों में एयरलाइंस सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसके तहत छोटे शहरों की दूरी कम समय में तय हो पाएगी।
रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट पर विभिन्न प्रकार के चार्ज को राज्य सरकारों की मदद से हटाने या कम करने की कोशिश होगी।
सरकार ने 1 घंटे के सफर के लिए 2500 रुपये का किराया तय किया गया है जबकि 30 मिनट के लिए 1250 रुपये का किराया देना होगा।
इसका उद्देश्य हवाई यात्रा को बढ़ावा देना है और वो भी उचित कीमतों पर। छोटे शहरों में हवाई सफर की सुविधा शुरू करने वाली कंपनियों को सरकार 80 प्रतिशत तक घाटे की भरपाई करने को भी तैयार है ताकि ज्यादा से ज्यादा एयर कनेक्टिविटी शुरू हो सके।
साल 2022 तक सालाना 30 करोड़ और 2027 तक 50 करोड़ टिकट एयर टिकट की बिक्री का लक्ष्य है।
2015 में ये आंकडा केवल 8 करोड का था। घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय टिकट पर रीजनल कनेक्टिविटी फंड के तहत 2% अतिरिक्त सेस लगाने की बात है।
यात्रियों को सबसे ज्यादा शिकायतें टिकट कैंसिल कराने पर होने वाले रिफंड और एयरलाइंस की फ्लाइट रद्द होने पर होने वाली मुश्किल को लेकर होती है। नयी नीति में सरकार ने इस पर खास ध्यान दिया है।
नई नीति के लागू होने के बाद यात्रियों को घरेलू टिकट कैंसिल कराने पर 15 दिनों के भीतर पैसा मिल जाएगा, वहीं अंतरराष्ट्रीय टिकट कैंसिल कराने पर पैसा 30 दिनों के अंदर मिलेगा।
अगर कोई यात्री अपना टिकट कैंसिल करवाता है कैंसिलेशन चार्ज बेसिक किराए से ज्यादा नही हो सकता और रिफंड प्रक्रिया के लिए अतिरिक्त शुल्क भी नहीं लगेगा।
यात्री रिफंड को नकद लेगा या बैंक एकाउंट में ये यात्री पर निर्भर करेगा। उड़ान के वक्त से 24 घंटे के अंदर फ्लाइट रद्द होने पर मुआवजे की राशि 10 हजार रुपए तक होगी।
प्रोमो और स्पेशल फेयर्स समेत सभी पर रिफंड्स के नियम लागू होंगे। विमान में ओवर बुकिंग होने पर अगर यात्री को सवार नहीं होने दिया जाता है तो उसकी मुआवजा राशि बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है। 15 किलो के सामान के बाद 5 किलो तक के लिए 100 रुपये प्रति किलो से ज्यादा चार्ज नहीं किए जाएंगे।
नई एविएशन पॉलिसी में छोटे एयरपोर्ट पर ज्यादा जोर दिया गया है। सरकार प्रति उड़ान 8000 रुपये का टैक्स लगाएगी और इन पैसों से 50 से 100 करोड़ रुपये का फंड बनाएगी। जिससे अब तक इस्तेमाल में न आने वाली करीब 350 हवाई पट्टियों का इस्तेमाल होगा।
इसके अलावा देश को विमानों के रखरखाव, मरम्मत तथा ओवरहॉलिंग के केंद्र के रूप में विकासित करने पर भी जोर दिया गया है।
दूसरी तरफ विमानन कंपनियों को कुछ सहूलियतें भी दी जाएंगी, नई पॉलिसी में विमान कंपनियों को 5/20 नियम से राहत मिलेगी, यानी अब विमानन कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 20 विमानों की जरूरत होगी लेकिन अंतरराष्ट्रीय सेवा शुरू करने के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
सरकार के इस बदलाव का लंबे वक्त से इंतजार हो रहा था। इससे विमान यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और अधिक से अधिक लोग विमान यात्रा के लिए प्रोत्साहित होंगे। हवाई यात्रियों को फायदा होने के साथ ही वहीं विमानन कंपनियों की मनमानी पर भी रोक लग सकेगी