रोहतक : स्वामी परम चैतन्य ने कहा कि यह सम्मेलन समाज में सद्भाव बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया है। सम्मेलन में किसी भी राजनीतिक दल को आमंत्रित नहीं किया गया है। किसी भी राजनेता को आने की मनाही नहीं है, लेकिन किसी को भी बोलने नहीं दिया जाएगा।
हरियाणा प्रदेश में भाईचारा और प्रगाढ़ होगा। हरियाणा की सद्भावना की संस्कृति को और आगे बढ़ाएंगे। यह बात रोहतक स्थित नई अनाज मंडी में महामंडलेश्वर एवं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी ने कही। वे सद्भावना सम्मेलन स्थल पर आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले दिनों बिगड़े हालात के कारण आई कटुता को पाटने के लिए सामाजिक समरसता मंच के बैनर तले प्रदेशभर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी के दृष्टिगत 3 अप्रैल को सद़्भावना सम्मेलन का आयोजन किया गया है। इसके लिए प्रदेशभर में 2600 से अधिक राष्ट्रीय एकता यज्ञों का आयोजन किया गया। इन यज्ञों में 50 हजार से अधिक लोगों की भागीदारी रही। इसके अलावा प्रदेशभर में सद्भावना यात्राओं का भी आयोजन किया गया है। प्रदेशभर में अधिकतर खंडों में यात्राएं निकाली गई हैं। गांव-गांव, बस्ती-बस्ती जाकर लोगों को सामाजिक सद्भाव के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
राष्ट्रीय एकता यज्ञों के अलावा सामाजिक सद्भाव यात्राओं का भी आयोजन किया गया है। प्रदेशभर में 410 सद्भाव यात्राएं निकाली गईं। इन यात्राओं के लिए खंड स्तर पर कार्यकर्ताओं ने सद्भावना रथ तैयार कर गांव-गांव जाकर लोगों को सामाजिक सद्भाव के प्रति प्रेरित करने के साथ ही 3 अप्रैल के सद्भावना सम्मेलन के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। रोहतक, करनाल, पानीपत और कुरुक्षेत्र में हर गांव में सद्भावना रथ के माध्यम से लोगों को सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। गुडग़ांव में मोटरसाइकिल यात्राएं निकाली गईं।
भिवानी और महेंद्रगढ़ में साइकिल यात्राएं
लोगों को जागरूक करने के लिए कई स्थानों पर जहां पैदल यात्राएं निकाली गईं, वहीं भिवानी और महेंद्रगढ़ के कई खंडों में साइकिलों पर भी यात्राएं निकालीं।
आरएसएस भी सामाजिक संगठन : ज्ञानानंद
स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि सम्मेलन में सभी सामाजिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है। एक पत्रकार के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि आरएसएस भी एक सामाजिक संगठन है। इसलिए आरएसएस को भी सामाजिक संगठन के नाते सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है।