प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में कहा कि भविष्य की रोजगार की जरूरतों के लिहाज से कौशल विकास की आवश्यकताओं की मैपिंग होनी चाहिये।
गर्वनिंग काउसिंल की बैठक में कई बड़े फैसले भी हुये जिसमें शामिल है-
• साल 2016-17 तक 1.5 करोड़ लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
• देश के महत्वाकांक्षी युवाओं के लिए इस साल 500 प्रधानमंत्री कौशल केंद्र खोले जाएंगे, जो युवाओं को निशुल्क कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
• इस साल सराकार द्वारा 50 प्रवासी रोजगार कौशल प्रशिक्षण केन्द्र भी खोले जाएंगे।
• राष्ट्रीय कौशल प्रतियोगिता ‘भारत कौशल’ को 2016-2017 के दौरान शुरू किया जाएगा, जिसमें भारत के युवाओं के कौशल की पहचान की जाएगी।
• कौशल प्रमाणन के लिए सितंबर 2016 तक सेंट्रल बोर्ड स्थापित किया जाएगा, ताकि देश के कौशल विकास तंत्र में गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके।
• मौजूदा इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस्तेमाल में न आने वाले बुनियादी ढांचे को कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के तहत प्रयोग में लाया जाएगा।
• अगले एक साल में आईटीआई संस्थान की क्षमता 18.5 लाख से बढ़ा कर 25 लाख की जाएगी, साथ ही 5000 नए आईटीआई संस्थान खोले जाएंगे।
• अगले एक साल में लाभ कमाने वाली सभी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को कुल श्रमशक्ति के 10% को कौशल प्रशिक्षण देना अनिवार्य कर दिया जाएगा।