संसद में सोमवार का दिन भी पिछले हफ्ते की तरह रहा। एक ओर जहां राज्यसभा में लगातार व्यवधान और स्थगन देखने को मिला वहीं लोकसभा में एक बार के स्थगन के बाद कामकाज हुआ।
राज्यसभा में जारी हंगामे पर उपसभापति पी जे कुरियन ने कहा कि इस तरह से सदन की कार्यवाही को बाधित करना अलोकतांत्रिक है।
विपक्ष के अन्य दलों की ओर से उठाए गए छिटपुट मुद्दों को छोड़ दिया जाए तो सदन की कार्यवाही खासतौर से कांग्रेस की ओर से विभिन्न मुद्दों पर किए जा रहे शोर शराबे की वजह से बाधित हो रही है।
भाजपा ने इस मामले में कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि देश उनसे रचनात्मक भूमिका की उम्मीद कर रहा है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि संसद में व्यवधान लोकतांत्रिक प्रणाली का ही हिस्सा है।
संसद में विभिन्न मुद्दों को लेकर लगातार चल रहे हंगामें को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चिंता जतायी है।
संसद में चल रहे गतिरोध को लेकर राष्ट्रपति ने एक तरह से नसीहत दी है कि सदन में गतिरोध की बजाए चर्चा होनी चाहिए।
रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि संसद चर्चा, असहमति और निर्णय से चलनी चाहिए, न कि वहां बाधा उत्पन्न की जानी चाहिए।