आर्थिक समीक्षा 2015-16 से महज छह वस्तुओं जैसे कि सोना, रसोई गैस, केरोसीन, बिजली, रेल किरायों और हवाई ईंधन (एटीएफ) के साथ-साथ अल्प बचत योजना के मद में समृद्ध वर्गों को 1,00,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी का असमानवितरण होने की बात सामने आई है। सब्सिडी के रूप में दी जाने वाली कुल धनराशि 91350 करोड़ रुपये से कम नहीं बैठती है, वह भी तब ऐसा है जब एनएसएस में समृद्ध वर्गों द्वारा किए जाने वाले उपभोग के कम आकलन के कारण समृद्ध वर्गों को दी जाने वाली वास्तविक सब्सिडी का कम आकलन किया जाता है। अगर हम महज पीपीएफ योजनाओं में अंतर्निहित सब्सिडी को जोड़ दें तो समृद्ध वर्गों को दी जाने वाली कुल सब्सिडी 1 लाख करोड़ रुपये से ऊपर चली जाती है। इससे सरकारी कोष से बड़ी राशि के लीकेज होने और वास्तविक रूप से हकदार माने जाने वालों की मदद करने का अवसर गंवा देने की पुष्टिहोती है।
इस दिशा में आवश्यक कदम उठाना और विसंगतियों को दूर करना न केवल राजकोषीय एवं कल्याणकारी दृष्टि से, बल्कि राजनीतिक आर्थिक कल्याण की दृष्टि से भी सही साबित होगा, जिससे अन्य बाजारोन्मुख सुधारों की विश्वसनीयता बढ़ेगी।