मुख्यमंत्री हरीश रावत का कथित स्टिंग उजागर होने से राज्य सरकार की मुश्किले बढ़ती ही जा रही हैं। इस मामले को लेकर भाजपा ने राष्ट्रपति से मुलाकात कर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की।
उत्तराखंड की सियासत में हरपल नया मोड़ देखने को मिल रहा है। आज नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड में कांग्रेस के बागी विधायकों की याचिका खारिज कर दी।
इन बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए एक सप्ताह और दिए जाने की मांग की थी। हालांकि बाद में इन बाकी विधायकों ने विधानसभा अध्यभ गोविंद सिंह कुंजवाल से मुलाकात अपना पक्ष रखा। दूसरी ओर मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी विधानसक्षा अध्यक्ष से मुलाकात की।
इस बीच उत्तराखंड से कांग्रेस के बागी विधायक हरक सिंह ने हरीश रावत सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के बागी विधायकों के साथ-साथ भाजपा विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही हैं। हरक सिंह रावत ने एक स्टिंग जारी करते हुए कहा कि जो सरकार का विरोध कर रहे हैं उन्हें जान का खतरा है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बागी कांग्रेसी विधायक हरक सिंह रावत के स्टिंग की सीडी को झूठा करार दिया है।
उधर,बीजेपी नेताओं ने उत्तराखंड के राजनीतिक हालातों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की। मुलाकात के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है।