सरकार ने कल से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र के दौरान लंबित विधेयकों को पारित कराने में विपक्षी दलों का सहयोग जुटाने के लिए आज सर्वदलीय बैठक की।
बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर मामले पर सभी राजनीतिक दलों को एक स्वर में बोलने के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने मानूसन सत्र में बहुचर्चित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधयेक पारित करने की अपील करते हुए सभी राजनीतिक दलों से आपसी मतभेदों से ऊपर उठने को कहा।
उन्होंने कहा कि यह मामला किसी सरकार के लिए श्रेय लेने का नहीं है। उन्होंने आगामी सत्र में सफल चर्चा और परिणामों की उम्मीद जताई और सभी पार्टियों से अपील की कि वे सब कुछ छोड़ कर राष्ट्रीय हित के लिए काम करें।
बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री अनन्त कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि चर्चा बहुत सार्थक रही और सभी दलों ने सत्र के दौरान पूरे सहयोग का वायदा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आश्वस्त किया है कि विधयकों को पारित कराने के लिए सभी दलों का सहयोग लिया जाएगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने भी विश्वास व्यक्त किया है कि मानसून सत्र में वस्तु और सेवा कर विधेयक पारित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य विधेयक के पक्ष में हैं और इस विधेयक का आम सहमति से पारित होना देश-हित में होगा।
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने बताया कि कांग्रेस गुण-दोष के आधार पर लम्बित विधेयकों का समर्थन करेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति बेहद गंभीर है और संसद में इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि उनकी पार्टी वस्तु और सेवा कर विधेयक पर सहमति बनाने के लिए पिछले दो वर्ष से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध करती रही है।
18 जुलाई से 12 अगस्त तक चलने वाले मॉनसून सत्र में कुल 20 बैठकें होंगी। सरकार ने बताया है कि वह मॉनसून सत्र के दौरान 16 विधेयको को पारित कराने की कोशिश करेगी।