ब्रह्मांड के रहस्यों की खोज के क्षेत्र में भारत ने एक और छलांग लगा ली है। उत्तराखंड के देवस्थल में अब 3.6 मीटर व्यास की एक ऑप्टिकल दूरबीन बनकर तैयार है जिसका उद्घाटन ब्रसेल्स से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बेल्जियम के प्रधानमंत्री मिशेल चार्ल्स संयुक्त रूप से करेंगे।
नैनीताल के मनोरा पीक पर आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान यानि एरीज में स्थापित ये एशिया की सबसे बड़ी दूरबीनों में से एक है। विज्ञान एवं तकनीक तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्षवर्धन भी इस मौके पर उत्तराखंड के देवस्थल में मौजूद रहेंगे।
इस दूरबीन की मदद से आकाशगंगाओं के उद्भव, तारों के जीवन चक्र,ब्लैक होल और ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाया जा सकेगा। इससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को भी खोज करने में मदद मिलेगी।
देवस्थल में 3.6 मीटर व्यास की टेलीस्कोप स्थापित होने के बाद आकाश गंगा व तारों का व्यापक अध्ययन किया जा सकेगा। इस दूरबीन की क्षमता इतनी अधिक होगी कि कम रोशनी वाले तारों का भी आसानी से अध्ययन किया जा सकेगा।
दूरबीन के स्थापित होने के बाद एरीज के वैज्ञानिक तारों व ग्रहों के निर्माण की प्रक्रिया का भी आसानी से अध्ययन कर सकेंगे।