दिल्ली सरकार के मंत्री कपिल मिश्रा से सोमवार को टैंकर घोटाले मामले में दिल्ली के एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूछताछ की। ब्यूरो का कहना है कि इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ की जाएगी।
400 करोड़ रुपये के कथित टैंकर घोटाले में दिल्ली के जल मंत्री कपिल मिश्रा से सोमवार को एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूछताछ की तो कपिल मिश्रा जांच ब्यूरो के अधिकारियों के सवालों का सही से जबाव नहीं दे पाए।
समन किए गए कपिल मिश्रा अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भ्रष्टाचार निरोधी दफ्तर तो पहुंचे लेकिन दिल्ली टैंकर घोटाले में जांच और निष्पक्षता पर ही सवालिया निशान खड़े करते नज़र आए।
एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख का कहना है कि उन्होंने एक भी सवाल का जवाब ठीक से नहीं दिया है। एसीबी प्रमुख एमके मीणा ने कहा कि कपिल मिश्रा से दोबारा भी पूछताछ की जाएगी और मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ की जाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम पर मामले पर के शिकायतकर्ता और भाजपा नेता विजेन्द्र गुप्त ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने आई केजरीवाल सरकार खुद भ्रष्टाचार में डूबी है और घोटाले की जांच एसआईटी के ज़रिए कराया जाना चाहिए।
टैंकर घोटाले का मामला साल 20101-11 के दौरान शीला दीक्षित सरकार का है। दिल्ली में पानी की सप्लाई के लिए स्टेनलेस स्टील के 450 टैंकर किराए पर लिए जाने थे। सरकार ने साल 2010 में टेंडर निकाला। टेंडर की कीमत 50.98 करोड़ रुपए रखी गई।
साल 2010 का टेंडर रद्द कर अगले डेढ़ साल चार बार टेंडर निकाले गए और फिर कीमत 51 करोड़ रुपए से बढ़कर 637 करोड़ तक पहुंच गई।
अरविंद केजरीवाल सरकार पर आरोप है कि उन्होंने घोटाले से जुड़ी रिपोर्ट को करीब साल भर तक दबा कर रखा और उस पर कार्यवाई नहीं की।
बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता की शिकायत पर 400 करोड़ रुपए के इस कथित घोटाले में शीला दीक्षित सरकार और अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।