मानव जाति के कल्याण से जुड़े अनेक विषयों पर गहन विचार-विमर्श करने के मकसद से तीन दिनों का अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ मध्य प्रदेश के इंदौर के निनौरा में चल रहा है और आज इसका समापन हो जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विचार कुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी में मानव का कल्याण करना है तो, 51 अमृत बिंदुओं से समाधान निकाला जा सकता है।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि उज्जैन के इस विचार महाकुंभ में संतों ने बदलते युग में मानव जाति के कल्याण के मार्ग खोजने का प्रयास किया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जीवन में बदलाव आना चाहिए। बदलाव ही तो जीवन है। उन्होंने कहा कि हम सर्व समावेशक लोग है, हम सबको जोड़ने वाले लोग हैं, सब को जोड़ने का हमारा सामर्थ्य है।
विचार महाकुंभ के अंतिम दिन जीवन मूल्यों पर आधारित सत्र आयोजित किया गया जिसमें दुनियाभर से आये साधु-संतों, विद्वानों और विषय विशेषज्ञों ने अनेक विषयों पर विचार-विमर्श किया। विचार मंथन के दौरान जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता, सतत विकास पर विशेष सत्र आयोजित किए गए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंहस्थ महाकुंभ का अमृत संदेश जारी किया।
इस मौके पर श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने विचार महाकुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में बौद्ध स्थलों के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया गया है।
वहीं अंतरराष्ट्रीय विचार महाकुंभ को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि भारतीय संस्कृति में पंचतत्व का बड़ा महत्व है, जो कि प्रकृति के संरक्षण के प्रति हमें प्रेरित करती है। उन्होंने ने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति सिखाती है कि प्रकृति के बिना जीवन संभव नहीं है।
इन लोगों के अलावा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री ने पूरे देश को एक सूत्र में बांधने का प्रयास किया है।
Salute to our PM Mr.Modi