नई दिल्ली : मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ मजबूती दिखाते हुए विएतनाम को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल देने का फैसला किया है, इस पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है पर इस बार भारत सरकार ने चीन को भाव नहीं दिया, क्यूंकि चीन भी भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को अपने हथियार हमेशा देते आ रहा भारत के इस फैसले से विएतनाम बहुत खुश है तथा चीन के पसीने छूट चुके है ।
वियतनाम पिछले कई सालों से ब्रह्मोस मिसाइल की मांग कर रहा था। परंतु पिछली सरकार ने चीन के डर से वियतनाम को मिसाइल नहीं दी। मोदी की इस रणनीति को एक बहुत ही अहम फैसला माना जा रहा है एशियन देशों में चीन अपना वर्चस्व बहुत समय से बड़ा रहा था और वियतनाम को भी वह अपना दुश्मन समझता हे।
रक्षा विशेषज्ञों ने मोदी सरकार के इस फैसले को चीन के खिलाफ एक अहम कदम माना है और मोदी सरकार की विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना है भारत की ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल विश्व की सबसे शक्तिशाली मिसाइल मानी जाती है रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर जल्द ही सिंगापुर और वियतनाम की यात्रा के दौरान इस सोदे पर अपना अंतिम फैसला देंगे ।
आपको बता दें कि वियतनाम बीते पांच साल से ब्रह्मोस मिसाइल की मांग कर रहा है, लेकिन पिछली सरकार ने चीन की आपत्तियों के डर से वियतनाम को ये मिसाइल नहीं दी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी और रक्षा मंत्री ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। दरअसल, ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस ने साथ में मिलकर विकसित किया है। जो सबसे ताकतवर मिसाइलों में से एक है। दक्षिण चीन सागर विवाद में चीन के विरोधी माने जाने वाले वियतनाम को मिसाइल देने का फैसला कर भारत ने विदेश नीति में बड़े बदलाव का संकेत दिया है।