विपिन कुमार : ये दलित किसी मुस्लिम के साथ पशुओं का व्यापार करते थे, दलितों के परिवार में किसी कन्या की शादी होने के कारण वो वक़्त पर मुस्लिम को पैसे नहीं दे पाये और उससे कुछ और वक़्त देने की प्रार्थना की।
मुस्लिम मोहम्मद सफी मुस्तखभाई ने और वक़्त देने के बदले लड़की मांगी कि इसकी शादी तोड़कर मुझसे की जाये। इस पर भन्नाए गुजरात के स्वाभिमानी दलितों ने उस मुस्लिम को बुरी तरह मारा और कमरे में बंधक बना लिया, बाद में कुछ बुजुर्ग मुस्लिम माफ़ी मांगकर छुड़वा ले गए थे।
आहत मुस्तखभाई बदला लेने के लिए उनके मौलवी व समाज के अन्य लोगों से मिला, पर उन्होंने मदद से साफ इंकार कर दिया कि इससे हिन्दू मुस्लिम दंगा भड़क जायेगा और हमें ज्यादा नुकसान हो जायेगा।
फिर मोहम्मद सफी मुस्तखभाई किसी अम्बेडकरवादी दलित संगठन से मिला और पैसे दिलवाने की सूरत में आधे पैसे उनको देने को कहा, पैसे का नाम सुनते ही दलितों के तथाकथित रक्षक इस बात से भी नहीं पिघले कि कन्या के विवाह के कारण वो गरीब दलित परिवार कुछ दिन पैसे देने में असमर्थ है और अम्बेडकरवादियों ने मुस्लिम के साथ मिलकर गरीब दलितों की बुरी तरह पिटाई कर दी।
मामला तूल पकड़ने पर इसकी दिशा दलित-मुस्लिम से बदल हिन्दू हिन्दू करने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि के एक कांग्रेसी ब्राह्मण युवा को कुछ पैसे देकर इस केस में शामिल कर लिया गया।