देश उन वीर सपूतों की शौर्य गाथाओं को याद कर रहा है, जिन्होंने अपनी जान देकर करगिल के युद्ध में पाकिस्तानी सेना को धूल चटा दी थी। 17 साल पहले 1999 में 26 जुलाई के दिन भारत ने करगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। तब से हर साल इस दिन देश करगिल विजय दिवस मनाता है।
करगिल युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देने के लिए राजधानी के इंडिया गेट पर आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पहुंचे। उन्होंने अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने भी जवानों को याद किया।
जम्मू-कश्मीर के द्रास के वॉर मेमोरियल में भी सैन्य अधिकारियों और कारगिल युद्ध के शहीदों के परिजनों उन्हें श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी करगिल विजय दिवस के मौके पर देश के सच्चे सपूतों को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा- ‘मैं उन सभी वीर सैनिकों को नमन करता हूं, जो अपनी आखिरी सांस तक देश के लिए लड़े। घुसपैठियों को सबक सिखाने वाले उन बहादुर जवानों के बलिदान को देश कभी नहीं भूलेगा। 1999 में कारगिल में शानदार जीत सुनिश्चित करने के लिए तत्कालीन राजनैतिक नेतृत्व की क्षमता भी सराहनीय है।’
गौरतलब है कि 1999 में भारतीय सेना ने कारगिल में पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़कर भारतीय जमीन से बाहर कर दिया था। हर साल वीर सैनिकों की कुर्बानी और हमारी जीत को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।