उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के विरोध में कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को उत्तराखंड उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल कर इस फैसले को चुनौती दी।
केन्द्र सरकार ने उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा बहुमत साबित किए जाने से लगभग 24 घंटे पहले राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया जिसके विरोध में यह याचिका दाखिल की गई है। राज्य विधानसभा को निलंबित अवस्था में रखा गया है। इस बीच उत्तराखंड के राज्यपाल के. के. पॉल ने राज्य सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
उत्तराखंड में सरकार को लेकर चल रहे गतिरोध पर शनिवार देर रात को प्रधानमंत्री आवास पर केंद्रीय मंत्रिमंडल की आपात बैठक हुई थी जिसमें राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की गई थी।
राज्य में कांग्रेस के नौ विधायकों की बगावत के बाद मुश्किलों में घिरी हरीश रावत सरकार को 28 मार्च तक बहुमत साबित करने का समय दिया गया था।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उत्तराखंड में संवैधानिक व्यवस्था चरमरा गई थी इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाना जरूरी हो गया था।
हरीश रावत ने सीडी प्रकरण पर सफाई देते हुए कहा कि जिन लोगों ने सीडी के माध्यम से उनकी छवि धुमिल करने की कोशिश की है, उनके डीएनए को भी जांच लिया जाए। उन्होंने बागी नेता विजय बहुगुणा पर हमला करते हुए ये बातें कहीं।
ज्ञात हो कि एक स्टिंग ऑप्रेशन में हरीश रावत को कथित तौर पर विधायकों को खरीद फरोख्त करते हुए दिखाया गया था।