नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जंयती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में उनसे जुड़ीं सौ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कर दिया।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जंयती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार में उनसे जुड़ीं सौ गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक कर दिया।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने नेताजी को समर्पित netajipapers.gov.in का भी लोकार्पण किया, जिस पर ये सारे दस्तावेज अपलोड कर दिए गए हैं। इस मौके पर नेताजी के कई रिश्तेदार भी थे।
23 जनवरी वो तारीख है जिस दिन देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाकर उन्हें याद करता है।
परिवार के लोगों ने इसे एतिहासिक दिन करार देते हुए मोदी सरकार के इस कदम की सराहना की है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने पिछले साल 14 अक्टूबर को नेताजी के परिवार के 35 सदस्यों से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में ही पीएम ने घोषणा की थी कि नेताजी के जीवन से संबंधित फाइलें सार्वजनिक की जाएंगी।
इससे पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने अपने कब्जे वाली 64 फाइलों को सार्वजनिक कर दिया था।
इस सब के बीच ब्रिटेन की एक वेबसाइट ने नया खुलासा किया है। नेताजी के अंतिम दिनों पर प्रकाश डालने के लिए स्थापित की गई ब्रिटेन की इस वेबसाइट ने ताइवान के एक अधिकारी द्वारा दिया गया सबूत जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि उसने 1945 में विमान हादसे में नेताजी की मौत के बाद उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार कराया था।
यह सबूत ‘यूके फॉरेन ऑफिस फाइल नंबर एफ.सी 1852- 6’ में रखा है और यह 1956 में दिया गया सबूत है। यह उन कुछ अंतिम दस्तावेजों में शामिल है, जिन्हें वेबसाइट बोसफाइल्स द्वारा अभी भी जारी किया जाना है।
वेबसाइट की स्थापना यह साबित करने के लिए की गई है कि नेताजी की मौत 18 अगस्त, 1945 को हवाई पट्टी के बाहर विमान हादसे में हुई थी। मोदी सरकार पहले ही कह चुकी है कि वो इस बारे में विदेशी सरकारों से भी बात करेगी। यदि सरकार अपने कार्यकाल में आजादी के नायक के बारे में सच सामने ला सकेगी तो यह एक इतिहास बन जाएगा।