निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के अकस्मात निधन से सन्त निरंकारी मिशन के प्रत्येक अनुयायी को गहरा सदमा पहुंचा है। ऐसा प्रतीत होता है कि उनकी ईश्वर के प्रति आस्था तथा प्रभु इच्छा को स्वीकार करने की भावना भी इस निधन से आहत् हुई है। नि:संदेह उन्हें सत्गुरु के निराकार रूप में सदैव साथ होने का विश्वास है जब कि वह दैहिक मृत्यु से परे हैं परन्तु जो प्यार और स्नेह उन्हें अपने हृदय सम्राट बाबा हरदेव सिंह जी महाराज से पिछले ३६ वर्षों में प्राप्त हुआ है वह कभी कम नहीं होगा।
आज श्रद्धालु भक्तों ने अपनी आस्था और श्रद्धा का प्रत्यक्ष प्रमाण दिया। जब से बाबा हरदेव सिंह जी महाराज का नश्वर शरीर दिल्ली पहुंचा और उनके निवास स्थान से लेकर समागम ग्राउंड नं. २ पर अंतिम दर्शनों के लिए रखे जाने तक दर्शनीय था। चण्डीगढ मनिमाजरा पचकुला मोहाली से भी हज़ारों की सं2या में श्रद्धालु व देश के विभिन्न भागों तथा विदेशों से आये हुए हज़ारों श्रद्धालु भक्त भीषण गर्मी की परवाह ना करते हुए बाबा जी के अंतिम दर्शनों के लिए एकत्रित हैं। निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी के पार्थव शरीर के अन्तिम दर्शनों देख कर सभी श्रद्धालु भावुक हो गए ।
विदित हो कि निरंकारी बाबा हरदेव सिंह जी महाराज १३ मई, २०१६ को मांट्रियल (कनाडा) में एक कार दुर्घटना में निरंकार में लीन हुए थे। उनके दामाद अवनीत सेतिया जी भी गम्भीर रूप से घायल होने से उसी दिन ही निरंकार प्रभु में लीन हुए थे। उनके नश्वर शरीर को भी उसी विमान से दिल्ली लाया गया और अंतिम दर्शनों के लिए ग्राउंड नं. २ में ही रखा गया है।
हज़ारों श्रद्धालु निरंकारी बाबा जी तथा अवनीत जी के पार्थिव शरीर के दर्शन कर रहे हैं। इससे पूर्व जब बाबा जी का पार्थिव शरीर एयरपोर्ट से उनके निवास स्थान पर लाया गयातब वहाँ गुरु परिवार, अन्य संबंधी तथा मिशन के वरिष्ठ प्रबंधक तथा प्रचारकों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
अंतिम दर्शन आज से प्रार6भ होकर बुधवार १८ मई, २०१६ तक निरंतर चलते रहेंगे तत्पश्चात् पार्थिव शरीरों का निगम बोध घाट पर दोपहर १२ बजे सी.एन.जी. शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंतिम यात्रा बुधवार को सुबह ८ बजे से प्रार6भ होकर दोपहर १२ बजे निगम बोध घाट पर स6पन्न होगी।
उसी दिन एक विशेष सत्संग कार्यक्रम, श्रद्धांजलि समारोह, समागम ग्राउंड नं.२, संत निरंकारी सरोवर कॉ6पलैल्स के सामने, बुराड़ी रोड पर आयोजित किया जाएगा जिसमें निरंकारी बाबा जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे तथा अवनीत जी के जीवन से भी प्रेरणा ली जाएगी।