पिछले दिनों गोरेगांव स्थित फिल्मसिटी में गौहर खान के साथ एक ऐसा वाकया हुआ जो ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि मानवीय स्तर पर काफी शर्मनाक भी है. स्टार प्लस के सिंगिंग रिएलिटी शो ‘इंडियाज़ रॉ स्टार’ के ग्रैंड फाइनल समारोह के अवसर पर शो की होस्ट गौहर खान को दर्शक दिर्घा से उठकर एक शख्स ने महज़ इसलिए चांटे रसीद कर दिये क्योंकि उन्होंने छोटे कपडे पहने थे. नारी अस्मिता पर चोट करते इस थप्पड ने ना सिर्फ मनोरंजन जगत में हलचल मचा दी है बल्कि आम लोगों के बीच भी उस मुद्दे को उजागर कर दिया है कि आखिर सभ्य समाज में लडकियों की आज़ादी पर कब तक ऊंगलियां उठती रहेंगी ? फिलहाल रविवार को घटी इस शर्मनाक घटना के मद्देनज़र गौहर खान ने ना सिर्फ आवाज़ उठाई है बल्कि उस शख्स के इस शर्मनाक हरकत पर अपना नज़रिया बयां करते हुए मीडिया को संबोधित किया है. प्रस्तुत है गौहर खान के अल्फाज़ उन्हीं की ज़ुबानीं.
मैं आप सबका शुक्रिया अदा करती हूं कि आज आप यहां आए. इसके अलावा मैं देश और विश्व के कोने कोने के उन तमाम पत्रकार भाई बहनों का भी शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने इस मौके पर अपने ढेर सारे संदेशों के ज़रिये ना सिर्फ मेरी प्रतिक्रिया जानने की कोशिश की बल्कि मेरा मनोबल भी बढाया. जी हां मुझ पर हमला हुआ. उसने मुझे शारीरिक रूप से हानि पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन क्या उस कायर ने मेरी गरिमा के पीछे छुपकर अपने झूठे इरादों और झूठी बातों को ज़रिया बनाकर अपनी कायरता का परिचय नहीं दिया ? क्या उसकी बेबुनियाद सोच को हम आज के युवा भारत की सोच मान सकते हैं ? कतई नहीं. उस घटना से जुडी खबरों को पढकर मैं कुछ मुद्दे आपके सामने रखना चाहूंगी.
सबसे पहली बात तो उस बेवकूफ को यह अनुमति किसने दी कि लडकियां किस तरह के कपडे पहनें ?
क्यों किसी लडकी पर प्रहार करने से पहले उस हारे हुए इंसान को कानून का डर नहीं लगता. वह भी उस लडकी पर जिसके पास अपनी रक्षा के लिए ना कोई शस्त्र है और ना ही कोई पूर्व तैयारी ? अगर नायिकाएं इस तरह की मानसिकता के घेरे में रहती हैं तो आम महिलाएं और लडकियां कितनी सुरक्षित हैं ?
इस बात पर मुझे गुस्सा आता है जब कोई पुरूष यह सोचता है कि वह जब चाहे एक औरत पर हाथ उठा सकता है या उस पर हिंसक प्रहार कर सकता है. अगर उसके पास अपने विचार थे तो क्यों वह तीन दिन तक भीड का हिस्सा बना रहा यदि उसे इस इंडस्ट्री से इतनी ही नफरत है तो उसके पास इस इंडस्ट्री के ज्युनियर आर्टिस्ट का कार्ड क्यों था ?. इस क्रूरता का हक़ उसे किसने दिया ?
अगर किसी को किसी की विचारधारा से नफरत है तो एक सभ्य और शिक्षित समाज तथा उसमें रहनेवाले प्रत्येक युवा को उसके खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए. उसका शांतिपूर्ण विरोध करना चाहिए. बातें होनी चाहिए लेकिन हिंसा नहीं.
ऐसा कोई मज़हब या नैतिकता नहीं जो हिंसा को बढावा दे और हिंसा के ज़रिये अपनी बात मनवाने की आज़ादी दे. कम से कम यह हारा हुआ शख्स मेरी खूबसूरत विचारधारा को प्रस्तुत नहीं करता, जिसका अर्थ है शांति और आत्म समर्पण.
मैं एक नायिका हूं इसलिए उसने मुझ पर प्रहार कर अपनी विकृत मानसिकता का संदेश दिया ? यदि हां तो आज मैं अपने इसी रुतबे के साथ सभी महिलाओं को ऐसी ओछी मानसिकता के खिलाफ एकजुट होने की अपील करती हूं.
मैं यहां किसी भी तरह की ड्रेसिंग को प्रमोट करने नहीं आई हूं और ना यह कहने आई हूं कि आप क्या पहनें और क्या नहीं. मैं यहां सिर्फ इसलिए हूं कि किसी को भी, मैं एक बार फिर दोहरना चाहूंगी कि किसी को भी यह हक़ नहीं कि वह किसी को अपनी हिंसा का शिकार बनाते हुए प्रताडित करे.
मुझे अपने देश की कानून व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. साथ ही मैं यह उम्मीद करती हूं कि मेरे साथ देश की उन तमाम महिलाओं को न्याय मिलेगा जो ऐसी हिंसा का शिकार होती हैं. फिर वह चाहे बडा मामला हो या छोटा.
. नीति व्यवस्था के नाम पर इस तरह के हिंसक हमलों से गुज़रनेवाली महिलाओं के दर्द का अंदाज़ा मुझे है.
मैं ताली बजाकर उनकी सराहना करती हूं और साथ ही मीडिया से यह गुहार लगाती हूं कि वह ऐसी घटनाओं से पीडित महिलाओं के साथ खडे हों. ऐसे में मैं उनको एकतरफ करती हूं जो झूठे दावे पेश करते हैं.
. मैं साई बाबा टेलीफिल्म्स का शुक्रिया अदा करती हूं जिन्होंने इस दुर्भाग्यशाली घटना के बाद मुझे सहयोग दिया. इसके साथ ही मैं स्टार प्लस को उनके बेहतरीन नेटवर्क के लिए शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने मेरे कंधे से कंधा मिलाकर इसका डंटकर सामना किया. मुझे गर्व है कि मैंने उस कायर की वजह से अपने शो ‘इंडियाज़ रॉ स्टार’ के खूबसूरत ग्रैंड फाइनल समारोह का सत्यानाश ना करते हुए उसे खूबसूरती से पूरा किया. यक़ीन मानिए इस घटना के बाद मैंने शूटिंग सिर्फ इसलिए जारी रखी कि इससे भारत की सभी लडकियों को यह संदेश जा सके कि हम कितनी ताकतवर हैं. मैं उन्हें यह बताना चाहती थी कि चाहे जो भी परिस्थिती हो अपना सिर हमेशा ऊंचा रखना.
. मैं इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हूं कि वह कायर पुरूष भारत के युवा समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करता. मैं यह जानती हूं क्योंकि उसके इस घृणित व्यवहार के बाद जिस तरह असंख्य युवाओं ने उसे घेर लिया और उसका विरोध किया उससे यह बात साफ हो जाती है कि वह तथा उसकी तरह के अन्य लोग हमारे युवा भारत का प्रतिनिधित्व कतई नहीं करते.
मैं अपने परिवार, दोस्तों तथा प्रशंसकों के साथ पूरी मीडिया और फिल्म इंडस्ट्री का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं, जिन्होंने मुझे इतना प्यार दिया और मुझे सहयोग दिया. मैं आप सबसे यही कहना चाहती हूं कि मैं आहत हूं लेकिन खत्म नहीं हुई हूं, मैं चकित हूं लेकिन स्थिर हूं, मैं ज़ख्मी हूं लेकिन पहले से अधिक ताकतवर हूं.