By Dharampal : बतौर अभिनेत्री अदिति राव हैदरी के खाते में उंगली पर गिन लिए जाने योग्य ही फिल्में हैं, लेकिन इसके बावजूद वह अपने अंदाज, रूप, बेबाकी, फैसलों और हौसले से न केवल हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं, बल्कि फिल्मकारों की लिस्ट में भी शामिल रहती हैं। अपनी फिल्मों में को-स्टार्स के साथ खुलकर किसिंग सीन देने के लिए मशहूर अदिति को इंटीमेट सींन से भी परहेज नहीं है। फिलहाल वह अपनी नई फिल्म च्गुड्डू रंगीलाज् को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म में उनका क्या किरदार है, क्या खास चैलेंज है और भविष्य की योजनाएं एवं फिल्मों के बारे में बता रही हैं अदिति राव हैदरी।
आने वाली फिल्म च्गुड्डू रंगीलाज् के बारे में कुछ बताएं?
बतौर डायरेक्टर च्गुड्डू रंगीलाज् जर्नलिस्ट से फिल्म मेकर बने सुभाष कपूर की तीसरी फिल्म है। इसमें मेरे अलावा अरशद वारसी, अमित साध और रोनित रॉय लीड रोल में हैं। फिल्म में गुड्डू बने अरशद और रंगीला बने अमित दो सिंगर हैं, जो एक ऑर्केस्ट्रा में गाते हैं। उनका मानना है कि उनकी जोड़ी राम-लखन या जय-वीरू जैसी है। लेकिन कहानी का सेंटर पॉइंट हरियाणा में होती ऑनर किलिंग है, लेकिन इसके मूल में कॉमेडी है, जो सबको पसंद होती है। यह फिल्म ३ जुलाई को रिलीज होगी।
इसमें आपका क्या किरदार है और इस किरदार की खासियत क्या है?
इस कॉमेडी मूवी में मैं बेबी नामक लड़की रोल प्ले कर रही हूं, जो एक डेफ एंड म्यूट गर्ल है, जिसे गुड्डू और रंगीला किडनैप कर लेते हैं। चूंकि बेबी एक बहरी-गूंगी लड़की है, ऐसे में यह किरदार मेरे लिए बेहद चैलेंजिंग भी था और मजेदार भी। इसीलिए इसे प्ले करने में मुझे काफी मजा आया। इसमें मुझे एक्टिंग स्किल्स दिखाने का काफी मौका मिला है। शब्दों के बिना सिर्फ हाव-भाव से अपनी बातों को कहना काफी अलग अनुभव था।
इस किरदार के लिए क्या होमवर्क किया?
पर्दे पर अपने किरदार को जीवंत बनाने के लिए मैं खास तौर पर डेफ एंड म्यूट स्कूल गई और वहां साइन लैंग्वेज सीखी। मैंने जया भादुड़ी स्टारर च्कोशिशज् देखी है और जयाजी के रोल से मुझे काफी सहायता मिली।
किसी फिल्म में आप मशहूर फिल्मकार कल्पना लाजमी का किरदार निभाने जा रही हैं?
हां, और इस फिल्म का निर्माण खुद कल्पना लाजमी कर रही हैं, जिसका नाम है च्द टेम्पेस्टज्। इस फिल्म के जरिये कल्पना लाजमी और भूपेन हजारिका के रिश्तों पर फोकस किया जाएगा। मुझे इस बात का फख्र है कि सिल्वर स्क्रीन पर मुझे मशहूर फिल्मकार कल्पना लाजमी की भूमिका निभाने का मौका मिला है। हालांकि पहले इस फिल्म में पूजा भट्ट को लिया जाना था, लेकिन आखिरकार यह किरदार मेरी झोली में गिरा। खास बात यह है कि इस फिल्म का निर्माण हिंदी के अलावा अंग्रेजी, बंगाली और असमी भाषा में भी किया जाएगा, जबकि फिल्म की ज्यादातर शूटिंग कोलकाता में होगी।
फिल्मों में किए गए किसिंग और इंटीमेट सीन्स के अलावा बिकिनी पहनने के बारे में क्या कहेंगी?
सब कुछ स्क्रिप्ट और किरदार की डिमांड की हद में रहकर किया गया सीन है। आप फिल्म की कहानी देखिए, उसकी जरूरत समझिए और उसके बाद खुद फैसला कीजिए कि क्या वह सीन लाजमी नहीं था। जहां तक बिकिनी पहनने का सवाल है, तो वह भी बेमतलब नहीं था और न ही एक्सपोजर था, क्योंकि वह कहानी के हिसाब से जरूरी था, स्वाभाविक था। ऐसे में मुझे बिकिनी पहनने से कोई हिचक नहीं है। हां, यह जरूर ध्यान रखती हूं कि स्क्रीन पर भद्दी और मोटी न दिखूं। इसके लिए फिटनेस का खयाल रखती हूं। मैं योग और एक्सरसाइज करना कभी नहीं भूलती। मुझे लगता है कि मेरी शारीरिक बनावट भी तैराकी पोशकें पहनने के लिए ठीक है। लेकिन, मैं जो कपड़े नहीं पहनना चाहती, उन्हें पहनने के लिए मुझ पर कोई दबाव भी नहीं डाल सकता। मेरे लिए स्वतंत्रता का मतलब है कि मैं अपनी मर्जी से हां या ना कह सकूं। मेरी समझ में यह बात नहीं आती कि चुंबन की बात पर हमेशा अभिनेत्रियों को ही कटघरे में क्यों खड़ा किया जाता है। अभिनेता कितनी बार चुंबन करते हैं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन अगर अभिनेत्री बार-बार चुंबन के दृश्य करती है, तो उसकी प्रतिष्ठा पर असर पड़ता है। ऐसी सोच क्यों!
आपने फिल्मों में एक्सपोजर के साथ किस एवं इंटीमेट सीन भी दिए हैं, फिर भी आपको सेक्सी नहीं माना जाता?
क्योंकि मेरे लिए सेक्सुएलिटी या आकर्षण बेहद पर्सनल चीज है और उसका इस्तेमाल मैं न तो फिल्में हिट करवाने या सनसनी फैलाने के लिए कर सकती हूं, न ही किसी को अपनी ओर आकर्षित करने की खातिर! हालांकि, आपको भी पता होगा कि कोई भी अभिनेत्री बदन दिखाने जैसा काम बहुत खुशी से और वह भी जान-बूझकर नहीं करती। कम से कम मैं तो इसके लिए तैयार नहीं हूं। लेकिन, कहानी की मांग के मुताबिक कुछ भी करना पड़े, तो उसमें मुझे हिचक नहीं होती। स्क्रिप्ट की डिमांड के हिसाब से जो सीन जरूरी होता है, वह मैं करती हूं।
आपके बारे में कहा जाता है कि आप बेहद गंभीर किस्म की लड़की हैं?
हो सकता है कि कुछ लोगों को मैं थोड़ी अजीब लगती हों, लेकिन मेरे दोस्तों से पूछेंगे तो हैरान रह जाएंगे कि मैं कितनी मिलनसार लड़की हूं। हां, यह सच है कि मुझे शोर-शराबा पसंद नहीं है। मैं भीड़ से थोड़ी दूरी बनाकर रखती हूं, लेकिन मुझे सबसे मिलना-जुलना, बातें करना, मौज-मस्ती करना अच्छा लगता है। किसी अपरिचित के साथ जल्दी घुल-मिल नहीं पाती हूं।
और किन फिल्मों में काम कर रही हैं?
आने वाले दिनों में लोग मुझे च्द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्राज् में देखेंगे। च्द लीजेंड ऑफ माइकल मिश्राज् एक कॉमेडी फिल्म है, जिसका डायरेक्शन मनीष झा कर रहे हैं। इसमें मेरे अपोजिट अरशद वारसी हैं, जबकि अन्य भूमिकाओं में बोमन ईरानी, जरीन खान, गुलफाम खान आदि हैं। इसके अलावा बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता फरहान अख्तर के अपोजिट च्वजीरज् कर रही हूं। इस फिल्म का निर्माण विधु विनोद चोपड़ा, जबकि डायरेक्शन बिजय नाम्बियार कर रहे हैं। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन भी अहम रोल में हैं, जो शतरंज के ग्रैंडमास्टर की भूमिका में नजर आएंगे। फरहान फिल्म में अमिताभ से शतरंज का गुर सीखेंगे। कुछ स्क्रिप्ट्स पढ़ रही हूं। जो प्रस्ताव पसंद आएगा, उसे ही करूंगी। केवल आंकड़ा बढ़ाने के लिए मैं किसी भी फिल्म में काम नहीं कर सकती।
आप मानती हैं कि अब बॉलीवुड को आपकी पहचान बनने लगी है?
इतनी फिल्मों में काम करने के बाद पहचान तो बन ही गई है, लेकिन मुझे लगता है कि अब बॉलीवुड में मुझे लेकर चीजें भी व्यवस्थित होने लगी हैं। दरअसल, जब मैं हिंदी फिल्म जगत में आई थीं, तो मुझे यहां के तौर-तरीकों के बारे में बिल्कुल नहीं पता था, लेकिन अब मुझे खुशी है कि मैं यहां अपनी पहचान बनाने में कामयाब हुई हूं।
आप ट्रेंड क्लासिकल डांसर हैं, लेकिन अब तक किसी भी फिल्म में आपकी यह प्रतिभा देखने को नहीं मिली है। क्यों?
आपकी बात सच है, लेकिन उससे भी बड़ा सच यह है कि मुझे भी ऐसे किरदार का इंतजार है, जिसमें मैं डांस का टैलेंट दिखा सकूं। अगर इसमें देर हो रही है, तो मुझे लगता है कि आगे कुछ अच्छा ही होने वाला होगा। मुझे किसी भी तरह के डांस का मौका मिलेगा, तो मैं खुशी से करूंगी। क्लासिकल मैं बचपन से सीख रही हूं। मेरी ट्रेनिंग भरतनाट्यम में हुई है, लेकिन बॉलीवुड में कोई भी डांस करना चाहूंगी।