चंडीगढ़ : गोल्डन जुबली हॉल पंजाब विश्वविद्यालय में पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस स्टूडेंट काउंसिल ने भारत के युवाओं की लोकतंत्र में भूमिका विषय पर भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी द्वारा उद्बोधन करवाया गया।पंजाब विश्वविद्यालय के कैंपस काउंसिल के सह सचिव विपुल अत्रे ने बताया कि मनीष तिवारी जी सामाजिक और राजनीतिक लेखक और चिंतक के रूप में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं और उनका युवा एवं विद्यार्थी नेता के रूप में संघर्ष सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
मनीष तिवारी ने पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को अपने बीते दिनों को याद करते हुए बताया कि पंजाब विश्वविद्यालय के साथ उनका बहुत ही प्यारा और गहरा संबंध है । उनके पिताजी पंजाबी विभाग में प्राध्यापक होने के साथ-साथ तीन नंबर हॉस्टल के वार्डन भी रहे, पंजाब विश्वविद्यालय के साथ उनकी यादें बहुत ही गहरी हैं। भारत की राजनीति में युवाओं के महत्व को बताते हुए मनीष तिवारी ने युवाओं से आह्वान किया कि हमें पढ़ाई के साथ साथ राजनीतिक और सामाजिक दायित्व को भी समझना चाहिए और देश और समाज को उन्नति और प्रगति के मार्ग पर गति देने के लिए बढ़-चढ़कर सहयोग करना चाहिए।
मनीष जी ने भारतीय समाज और राजनीति में युवाओं के योगदान की बात करते हुए भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से लेकर जेपी मूवमेंट और उसके बाद आज के आधुनिक सूचना और तकनीकी में आ रहे अभूतपूर्व परिवर्तनों की बात करते हुए बहुत ही अच्छे तरीके से तमाम प्राध्यापकों, शोधकर्ताओं और तमाम विभागों के सैकड़ों विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में मनीष जी की बातें सुनकर बच्चों की उत्सुकता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तमाम श्रोताओं में मनीष जी से प्रश्न पूछने की एक जबरदस्त होड़ लगी पड़ी थी और कठिन से कठिन प्रश्न पर उनके सरल और प्रैक्टिकल उत्तर को सुन कर पूरा परिसर तालियों की आवाज से झूमता नजर आया जब एक विद्यार्थी ने मनीष जी से प्रश्न पूछा कि जब केवल 19 वर्ष की आयु में मनीष जी पर पूरे परिवार की जिम्मेवारी पड़ गई थी तो आपने कैसे मात्र 23 साल की आयु में अपने परिवार के साथ साथ एनएसयूआई के राष्ट्रीय संगठन की, न केवल कमान संभाली बल्कि विद्यार्थियों और युवाओं का देश की राजनीति में एक अभूतपूर्व योगदान तय करने में अहम भूमिका निभाई, तो मनीष जी ने बड़े ही सरल शब्दों में इसको एक सामान्य बात कहकर किसी भी तरह का क्रेडिट लेने से इंकार कर दिया पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों को उन्होंने एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा राजनीति कोई नौकरी नहीं है यह एक सामाजिक मिशन है, राजनीति के प्रति विद्यार्थियों का जागृत होना एक लोकतंत्र को सफल बनाने में अहम योगदान देता है।
मनीष जी ने विद्यार्थियों को बताया कि अधिक से अधिक युवाओं का राजनीति में योगदान यकीनन बनाने के लिए मनीष जी अपनी एनएसयूआई की टीम के साथ तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी से मुलाकात की और उन्हें राजनीति में विद्यार्थियों की अहम भूमिका निर्धारित करने के लिए वोटिंग की उम्र के लिए उम्र 21 से घटाकर 18 का आग्रह किया था और उस पर वह सफलता भी प्राप्त कए थे, यह बात ध्यान देने योग्य है कि मनीष तिवारी जी का एक लेखक और चिंतक के रूप में भारतीय राजनीति पर दर्शन सर्वश्रेष्ठ है इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के स्टूडेंट काउंसिल के भूतपूर्व प्रधान दयाल प्रताप रंधावा, जशन कंबोज एवं मनोज लुबाना, नीतीश गौर , सनी मेहता तथा वर्तमान के उप अध्यक्ष दलेर सिंह और सह सचिव विपुल अत्रे उपस्थित थे । सिंडिकेट मेंबर प्रोफेसर नवदीप गोयल , डी. यू.आई. शंकरजी झा, डीएसडब्ल्यू इमैनुअल नाहर ने इस कार्यक्रम में बच्चों का बहुत सहयोग किया।