सोनीपत, 21 जून। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,मुरथल के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। कोरोना काल में इंटरनेट पर सबसे अधिक योग शब्द को खोजा गया है। योग के माध्यम से हम अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाए रखते हैं।
डीसीआरयूएसटी, मुरथल में खेल विभाग एवं एनएसएस के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के एनसीसी कैडेट ने घर बैठकर योग किया।कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित करते हुए कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि यजुर्वेद के शांति पाठ मंत्र में सृष्टि के समस्त तत्वों व कारकों से शांति बनाए रखने की प्रार्थना करता है। इसमें कहा गया है कि द्युलोक में शांति हो, अंतरिक्ष में शांति हो, पृथ्वी पर शांति हो, जल में शांति हो, औषधी में शांति हो, वनस्पतियों में शांति हो, विश्व में शांति हो, सभी देवगणों में शांति हो, ब्रह्म में शांति हो, सब में शांति हो, चारों और शांति हो, शांति हो, शांति हो, शांति हो। उन्होंने कहा कि वैसे तो इस मंत्र के जरिये कुल मिलाकर जगत के समस्त जीवों, वनस्पतियों और प्रकृति में शांति बनी रहे इसकी प्रार्थना की गई है।
कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि योग हमारी भारतीय संस्कृति का अभिन्न भाग है, हमारे लिए यह गर्व की बात है कि भारतीय संस्कृति ने विश्व में शांति प्रिय,संयमी रहने और अनुशासन बद्ध तरीके से जीवन जीने का पाठ पढाती है। उन्होंने कहा कि योग से शरीर निरोग और स्वस्थ रहता है। प्रकृति ने हमारे अंदर रोगों से लड़ने के लिए एक प्रतिरोधक तंत्र विकसित किया है, लेकिन प्रतिदिन की भागदौड़ से मानव का जीवन तनावग्रस्त रहने लगा है,जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता पर विपरीत असर पड़ने लगता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करने के लिए हमें प्रतिदिन योगाभ्यास करना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की प्रथम महिला इंजीनियर रजनी अनायत, रजिस्ट्रार प्रो.सुरेश कुमार, प्रो.विजय शर्मा, प्रो.सुखदीप सिंह, प्रो.पवन दहिया, प्रो.सुमन सांगवान, एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो.सुमन देशवाल गुलिया, एनसीसी ऑफिसर लेफ्टिनेंट प्रदीप सिंह, असिस्टेंट रजिस्ट्रार आनंद राणा आदि उपस्थित थे।