15 नवम्बर, 2018 : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल एवं गणित विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘वैदिक मैथमेटिक्स की उपयोगिता और व्यापकता’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चौधरी रणबीर सिंह सभागार में किया गया। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रो. यशपाल सिंगला कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित थे। अध्यक्षता प्लेसमैंट निदेशक प्रताप सिंह मलिक ने की। वैदिक गणित विशेषज्ञ राकेश भाटिया और मारुति शर्मा कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
परीक्षा नियंत्रक डा. यशपाल सिंगला ने बताया कि गणित विषय सभी विषयों का आधार है। इस विषय को पूरी रूचि और आनंद से सीखने में वैदिक गणित उपयोगी भूमिका निभा सकता है।
वैदिक गणित विशेषज्ञ राकेश भाटिया और मारुति शर्मा ने अलग अलग सत्रों में वैदिक गणित के 16 मुख्य सूत्रों और 13 उपसूत्रों की जानकारी दी। वैदिक गणित की उत्पत्ति और प्रसार पर बोलते हुए राकेश भाटिया ने बताया कि श्री भारती कृष्ण तीर्थ महाराज जी ने 1911 से 1918 के मध्य अपने प्राचीन वेदों का गहन अध्ययन किया और वैदिक गणित की रचना की। उन्होंने बताया कि वैदिक गणित की गणितीय समस्या को हल करने की अनेक विधियां हैं जिनके प्रयोग से उत्साह, आनंद, विश्वास और अनुसंधान प्रवृत्ति का जागरण होता है। यह विधि गणित अध्ययन के दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने वाला है तथा शोध एवं विकास के लिए नया दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इस पद्धति में उत्तर की सरल जांच पद्धति सहज रूप में समाविष्ट है। ‘निखिलं नवत: चरमं दशत:’, ‘ऊर्ध्व तिर्यग्भ्याम’, ‘एकाधिकेन पूर्वेण’ और ‘यावदूनम तावदूनम वर्गं च योजयेत’ जैसे प्रसिद्ध सूत्रों की जानकारी और उन पर आधारित गणनाओं का अभ्यास विद्यार्थियों ने किया। दूसरे विशेषज्ञ मारुती शर्मा ने प्रतियोगी प्रतियोगिताओं में वैदिक गणित की उपयोगिता की चर्चा की और प्राइम नंबर से संबन्धित विभिन्न प्रॉब्लम्स को वैदिक गणित के सूत्रों से हल करना सिखाया।
कार्यशाला के समापन सत्र में गणित विभाग के अध्यक्ष प्रो मुकेश शर्मा ने वैदिक गणित का अधिकाधिक अभ्यास करने का और इस पर पर और अधिक काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्लेसमैंट निदेशक प्रताप सिंह मलिक ने अपने स्वागत सम्बोधन में बताया कि कार्यशाला में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के 200 विद्यार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का आयोजन विद्यार्थियों की न्यूमेरिकल क्षमता विकसित करने और विश्वभर में तेजी से उपयोग में आ रहे और भारत से जन्मे वैदिक गणित की सटीक जानकारी के दृष्टिकोण से किया गया। प्रतिभागी विद्यार्थियों को सहभागिता प्रशस्ति पत्र भी दिए गए।
ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर संजय सिंह जी ने प्लेसमेंट सेल की विभिन्न गतिविधियों से विद्यार्थियों को परिचित करवाया। असिस्टेंट प्रोफेसर और कार्यशाला के संयोजक डा. संदीप सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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