सोनीपत, 11 मार्च। विज्ञान एवं प्रसार विभाग के प्रो. कपिल त्रिपाठी ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिदिन नई नई खोजें की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि ओएलइडी लाइट से प्रकाश में गुणवत्ता आएगी। यह पर्यावरण के अनुकूल है।
प्रो.त्रिपाठी दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में इलैक्ट्रोनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग द्वारा आयोजित फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में बतौर मुख्यवक्ता के तौर पर संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम 15 मार्च तक चलेगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले टंगस्टन के बल्ब आए। जिनमें हीट ज्यादा होती थी तथा प्रकाश कम देते थे। इसके बाद मर्करी लाइट आई, जो हीट कम देती थी व प्रकाश ज्यादा। कुछ समय बाद घरों में प्रकाश के लिए सीएफएल आई, जो कि मर्करी से ज्यादा प्रकाश देने लगी तथा हीट में कमी आई। कुछ ही वर्ष पूर्व एलइडी लाइट आई जो केवल दो प्रतिशत ही हीट पैदा करती है तथा 98 प्रतिशत प्रकाश देती है।
प्रो.त्रिपाठी ने कहा कि लाइट के क्षेत्र में नया अन्वेषण हुआ है। अब जल्द ही घरों में एलइडी लाइट के स्थान पर ओएलइडी लाइट ले लेंगी। जबकि ओएलइडी लाइट में प्रयोग किए जाने वाला मैटीरियल प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है तथा यह अपेक्षाकृत कम मूल्य में उपलब्ध है।
प्रो.त्रिपाठी ने कहा कि ओएलइडी लाइट से प्रकाश में गुणवत्ता आएगी तथा यह पर्यावरण के अनुकूल है। एलइडी लाइट की अपेक्षा इसका मूल्य भी कम होगा। उन्होंने कहा कि ओएलइडी को हम भविष्य की लाइट कह सकते हैं। ओएलइडी लाइट के प्रकाश में गुणवत्ता होगी।
प्रो.मनोज दूहन ने प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि प्रोग्राम में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को निश्चित तौर पर लाभ होगा। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज दूहन, प्रोग्राम की कंवीनर डा.पूनम सिंहल, प्रोग्राम के कोर्डीनेटर प्रो.अमित गर्ग, प्रो.प्रियंका, प्रो.एस.के.ग्रेवाल को कोर्डीनेटर डा.हिमांशी सैनी, डा.पवन दहिया, डा.प्राची चौधरी,डा.मृदुल चावला आदि उपस्थित थे।