31 अक्टूबर : गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा है कि सरदार वल्लभ भाई पटेल आधुनिक भारत के शिल्पकार थे। खून का एक कतरा भी बहाए बिना उन्होंने 562 स्वतंत्र रिसायतों को भारत में मिला लिया। कृतज्ञ राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा। प्रो. टंकेश्वर कुमार सोमवार को विश्वविद्यालय के चौ. रणबीर सिंह सभागार में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य पर आयोजित विचार गोष्ठी को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेन्ट्स वल्फेयर कार्यालय के सौजन्य से किया गया था।
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि भारत वर्तमान में तेजी से प्रगति के पथ पर है। इसके बावजूद कई समस्याएं हैं जिनका हल जरुरी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता के जुड़ी भारत की अधिकतर समस्याओं का समाधान सरदार वल्लभ भाई पटेल के रास्ते पर चलकर किया जा सकता है।
विचार गोष्ठी के मुख्यवक्ता डीएन कालेज के प्रोफैसर डा. महेंद्र सिंह थे। उन्होंने अपने संबोधन में बताया कि जब आजादी के समय भारत का 45 प्रतिशत हिस्सा रिसायतों के आधीन था। रिसायतों के ये अधिकार थे कि वे भारत के साथ रहें या पाकिस्तान के साथ या फिर स्वतंत्र रूप से रहने का अधिकार भी उनके पास था। यह भारत के प्रथम के गृहमंत्री वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता थी कि उन्होंने सभी रियासतें भारत में मिला ली। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल वास्तव में लौहपुरुष थे। वे कर्म को ही अपना धर्म मानते थे। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी उनका बहुत अधिक सम्मान करते थे। महात्मा गांधी ने ही उनको सरदार की उपाधि दी थी। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने भारत को निर्मित किया। अब भारत को और आगे ले जाने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी की है।
डीएसडब्ल्यू प्रो. हरभजन बंसल ने विचार गोष्ठी में स्वागत संबोधन किया था तथा डीवाईडब्ल्यू अजीत सिंह ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय एकता सप्ताह के उपलक्ष्य विश्वविद्यालय में मंगलवार को विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा।