महर्षी दयानन्द विश्वविद्यालय, रोहतक के कुलपति प्रो. बी.के. पूनिया ने कहा कि राष्ट्र की उन्नति व विकास के लिए विज्ञान व सामाजिक विज्ञान दोनों का बहुत महत्व है। प्रणाली का संतुलन बनाए रखने के लिए विज्ञान व सामाजिक विज्ञान को साथ रखना बहुत आवश्यक है। शोधार्थी को समाज से जुड़ी हुई समस्याओं को ध्यान में रखते हुए शोध के विषयों का चयन करना चाहिए।
प्रो. बी.के. पूनिया विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास केन्द्र (एचआरडीसी) द्वारा ‘कोमर्स, इकोनोमिक्स व मैनेजमैंट’ विषय पर चल रहे 28 दिवसीय रिफ्रेसर कोर्स व लघु अवधी कोर्स के सम्मापन समारोह पर बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार शर्मा, मानव संसाधन विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी व प्रो. देवेन्द्र कुमार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर कोर्स समन्वयक डा. दलबीर सिंह व डा. विकास वर्मा भी उपस्थित रहें। डा. अनुराग सांगवान ने मंच संचालन किया।
प्रो. बी.के. पूनिया ने कहा कि समाज को जोड़ने व शोध से होने वाले लाभ से समाज को जागरूक करने के लिए विज्ञान व सामाजिक विज्ञान को एक साथ लेकर चलना पड़ेगा। प्रभावशाली शिक्षण के लिए जरूरी है कि आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों द्वारा किया गया यह कोर्स विद्यार्थियों के लिए बहुत लाभदायक रहेगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि शिक्षक वर्ग को नई तकनीक के साथ जुड़कर स्वयं को अपडेट रखना चाहिए। कोमर्स, इकोनोमिक्स व मैनेजमैंट विषय में सफलता हासिल करने तथा कुछ नया करने के लिए कम्प्यूटर व आंकड़ों की बहुत आवश्यकता है। शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों को ज्यादा से ज्यादा व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाटा संग्रहण व डाटा विश्लेक्षण शोध में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शोधार्थी को सांख्यिकीय विधियों को सही तरीके से शोध में प्रयोग करना चाहिए ताकि शोध के परिणामों को समाजहित में प्रयोग किया जा सके।
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरूक्षेत्र के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्रदान करने के लिए शिक्षक को भी लगातार शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। नई-नई तकनिकों से अपडेट शिक्षक ही विद्यार्थियों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर सकता है।
मानव संसाधन विकास केन्द्र के निदेशक प्रो. नीरज दिलबागी ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 28 दिवसीय कोर्स के दौरान लघु अवधी कोर्स भी चलाया गया। दोनों कोर्सों में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, केरला, उत्तर प्रदेश व गोव से कुल 71 शिक्षकों व शोधार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षकों व शोधार्थियों के लिए इस प्रकार के कार्यक्रम बेहद जरूरी है। डा. विकास वर्मा ने कोर्स से सम्बन्धित रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि कोर्स के दौरान 20 तकनीकी व 10 व्यवहारिक सत्र रखे गए। डा. अनुराग सांगवान ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। समारोह में कोर्स से सम्बंधिक स्मारिका का विमोचन किया गया। प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए।