अरविंद भारद्वाज, हरियाणा : विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं प्रारंभ हो चुकी है इन परीक्षाओं के दौर में कई विद्यार्थी अपने आप को असहज महसूस करते हैं । कुछ विद्यार्थियों का मानना है कि वो बाकी बच्चों की तरह तैयारी नहीं कर पाते और स्वाभाविक रूप से उनके बाकी बच्चों की अपेक्षा कम ही अंक आएंगे । यह किसी भी विद्यार्थी की सबसे कमजोर मानसिकता व टूटे हुए मनोबल का परिणाम होता है । आए दिन अखबारों में कई प्रदेशों के विद्यार्थियों द्वारा बोर्ड की परीक्षाएं न देने की खबरें सुर्खियों में बनी हुई रहती है । वर्तमान में सरकारी शिक्षा पर विशेष बल दे रही है ।
सरकार का यह प्रयास रहता है कि विद्यार्थियों का उनकी मेहनत व क्षमता के आधार पर मूल्यांकन किया जा सके, और नकल रहित परीक्षाओं का सफलतापूर्वक आयोजन किया जा सके। इसी पहलू एवं प्रयास के चलते परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने हेतु चौकसी रखी जाती है । अखबारों व टीवी चैनलों में अत्यधिक संख्या में छात्रों द्वारा परीक्षा छोड़ देने की खबरों ने मुझे काफी विचलित किया और यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिरकार किन परेशानियों के चलते विद्यार्थियों में परीक्षाओं का डर बना रहता है और इन समस्याओं का निदान किस तरह से किया जा सकता है ।
आइए जानते है परीक्षा के दिनों में बच्चों के कमजोर मनोबल के मुख्य कारण :-
1. वार्षिक परीक्षाओं से पहले विद्यार्थियों में कक्षाओं की अनुपस्थित उनके कमजोर मनोबल का एक महत्वपूर्ण कारण है। अनुपस्थित रहने के कारण विद्यार्थी समय पर अपने विषय का अध्ययन नहीं कर पाता और उसे परीक्षा का भय बना रहता है ।
2. कई बार माता- पिता अपने बच्चों पर अधिक अंक लेने का अनावश्यक दबाव बना देते हैं जिसके कारण वह मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त हो जाता है और परीक्षा में उसे डर लगने लगता है ।
3. विद्यार्थी द्वारा उचित समय पर पाठ्यक्रम की तैयारी न करना व परीक्षा के दौरान अचानक पूरे पाठ्यक्रम का भार आ जाना भी उसके तनाव का एक मुख्य कारण है ।
4. कई बार विद्यार्थियों को नकल करने जैसा प्रलोभन भी दे दिया जाता है जिससे वह परीक्षा के दौरान भय मुक्त नहीं हो पाता ।
परीक्षा के दिनों में विद्यार्थियों को निम्न बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है-
प्रत्येक विद्यार्थी को समय प्रबंधन की विशेष आवश्यकता है उसे अपने पढ़ाई के घंटे निर्धारित करने के साथ-साथ कठिन और आसान विषयों के लिए समय- सारणी बना लेनी चाहिए ।
कई बार विद्यार्थी परीक्षा से पहले केवल एक ही कठिन विषय पर अत्यधिक समय बिता देता है जिससे उसके अन्य विषयों की तैयारी नहीं हो पाती और परीक्षा के दिनों में उसे उन विषयों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।
परीक्षा से पहले विद्यार्थी को अपने विषय से संबंधित कठिन प्रश्नों के नोट्स या महत्वपूर्ण बिंदु बना लेने चाहिए जिससे समय पर उन्हें दोहराया जा सके ।
परीक्षा में अच्छे अंक लेने के लिए विद्यार्थी को प्रश्न को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसका सटीक उत्तर देना चाहिए जोकि उसके प्रश्न से अवश्य ही मेल खाना चाहिए ।
परीक्षा में भाषा के प्रवाह ,व्याकरण एवं लेखनी की सुंदरता का भी विशेष महत्व है ।
बोर्ड परीक्षा में प्रश्नों को महत्वपूर्ण बिंदुओं के तरीके से हल करना अच्छे अंक प्राप्त करने में अत्यंत सहायक होता है ।
अक्सर देखा गया हैं कि आज के प्रतिस्पर्धा दौर में माता- पिता बच्चों को अधिक से अधिक अंक लेने के लिए उन पर मानसिक दबाव बनाते रहते हैं । प्रमुख समाज सेवक व अभिभावक श्री मनोज शर्मा गोविन्दपूरिया जी ने वार्तालाप में बताया कि बच्चों में प्रतिस्पर्धा इस कदर तक बढ़ गई है कि वो अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए कई बार नकल करने जैसा गलत मार्ग भी अपना लेते है, विद्यार्थियों के लिए यह आवश्यक है कि वो परीक्षा के दिनों में खेलकूद गतिविधियों को भी एक निश्चित समय देवें । इसके अलावा उचित समय तक नींद पूरी होना भी परीक्षा के दिनों में एक विद्यार्थी के लिए अत्यंत आवश्यक है । अक्सर देखा गया है कि मानसिक तनाव की स्थिति में विद्यार्थी अच्छे अंक देने से चूक जाता है।
इन सभी बिंदुओं के अलावा अध्यापक का भी यह दायित्व है कि वो समय-समय पर विद्यार्थियों का उचित मार्गदर्शन करें और परीक्षा संबंधी सभी दिशा निर्देशों से उन्हे समय समय पर अवगत कराएं । परीक्षा के दिनों में अध्यापक के साथ- 2 अभिभावकों की भी अहम भूमिका होती है । मनोज शर्मा गोविंदपुरिया जी ने बताया कि माता पिता को परीक्षा के दिनों में अपने बच्चों की पढ़ाई व समय प्रबंधन में उसका र्पूण सहयोग करना चाहिए जिससे बच्चों का मनोबल व उत्साहवर्धन बना रहे। परीक्षा में इन सभी बातों का विशेष ध्यान रखकर विद्यार्थी तनाव मुक्त परीक्षा देकर अच्छे अंक प्राप्त कर सकता है । हाल ही मे माननीय प्रधानमंत्री महोदय जी ने भी विद्यार्थियों को तनावमुक्त परीक्षा संबंधी कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए। अध्यापक होने के नाते मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं और अपने स्वरचित लेख के माध्यम से विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं।
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