सोनीपत, 30 अक्तूबर।
दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मुरथल (डीसीआरयूएसटी) में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक महोत्सव रिदम-2018 का बतौर मुख्य अतिथि शुभारंभ करते हुए बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन हरियाणा के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह ने कहा कि हिंदुस्तान सबसे युवा देश है, जिस पर दुनिया की नजरें टिकी हैं। संस्कृति व संस्कारों के बल पर ही हिंदुस्तान पुन: विश्वगुरू की उपाधि हासिल करेगा, जिसमें युवा शक्ति की विशेष भूमिका रहेगी। युवा शक्ति को अब राष्ट्र के साथ विश्व का नेतृत्व करने के लिए आगे आना होगा।
रिदम-2018 के उद्घाटन समारोह में उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षण व गैर-शिक्षण कर्मियों आदि को संबोधित करते हुए चेयरमैन डा. जगबीर सिंह ने संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार पर विशेष रूप से बल दिया। उन्होंने कहा कि गीता का संदेश इसी धरती पर दिया गया। अनेकों महापुरुष यहां जन्मे हैं, जिन्होंने सदैव मानवता की राह प्रशस्त की। अनेकों शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को गुलामी की जंजीरों से मुक्ति दिलाई। गुलामी के दौर से पूर्व विश्व स्तर पर अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी ४० प्रतिशत थी, जो कि आज 7.3 प्रतिशत है। ऐसे में हमेंं इस दिशा में जागरूक होने की जरूरत है और स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देना होगा।
बोर्ड के चेयरमैन डा. जगबीर सिंह ने कहा कि हमारे देश मेंं पहले हर गांव के बाहर गुरुकुल होते थे, जिनमें बिना किसी भेदभाव के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को शिक्षा दी जाती थी। हमारी शिक्षा में संस्कृति व संस्कारों का समावेश था, जिन पर अंग्रेजी शासकों ने कुठाराघात किया। किंतु हमारे परिवारों से ही संस्कृति व व संस्कारों की देन की शुरुआत होती है। यही कारण है कि आज भी हमारी संस्कृति कायम है। यही कारण है कि आज हमारी संस्कृति पर फिर से प्रहार किये जा रहे हैं। ऐसे में युवाओं को भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक बनकर देश को आगे लेकर जाना होगा।
समारोह की अध्यक्षता छात्र कल्याण विभाग के अधिष्ठाता प्रो. राजकुमार ने की, जिन्होंने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए कहा कि सांस्कृतिक कला महोत्सव-रिदम में विभिन्न कालेजों के हजारों छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। विद्यार्थियों में छिपी कलात्मक तथा रचनात्मक प्रतिभा को निखारने के लिए यह आयोजन किया जाता है। डीसीआरयूएसटी के रजिस्ट्रार प्रो. अनिल ख्खुराना ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि रिदम प्रतिवर्ष बड़े स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। विश्वविद्यालय से संबद्ध अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को भी रिदम का इंतजार रहता है। साथ ही उन्होंने कहा कि डीसीआरयूएसटी शिक्षा के साथ सांस्कृतिक आयोजनों से विद्यार्थियों को समाज तथा राष्ट्र निर्माण के लिए तैयार कर रहा है।
रिदम की संयोजक प्रो. सुमन सांगवान ने इस मौके पर रिदम के आयोजन के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने विश्वविद्यालय की अन्य गतिविधियों से भी परिचित कराया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देते हुए आमंत्रित अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर डीसीआरयूएसटी के शिक्षण तथा गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने उपस्थिति दर्ज कराई।