चंडीगढ़ : विश्व रेड क्रॉस दिवस की पूर्व संध्या पर भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी एवं पंजाब यूनिवर्सिटी के सहयोग से, “महामारी के खिलाफ लड़ाई में सिविल सोसायटी की भूमिका” शीर्षक के तहत एक आभासी जागरूकता व्याख्यान का आयोजन किया गया।
प्रो राज कुमार, पीयू के कुलपति ने कहा कि सिविल सोसायटी सबसे प्रभावी है । उन्होंने आगे कहा कि मनुष्य सभ्य समाजों को विकसित करने के लिए अपनी तीक्ष्णता और चपलता के कारण पृथ्वी पर सबसे दुर्जेय और फिट प्राणी बन गया है। मनुष्य ने जीवित प्राणियों के सामने आने वाली अधिकांश चुनौतियों से निपटने के लिए आपसी सहयोग, पूरकता और सामंजस्य की प्रासंगिकता सीखी है।
प्रसिद्ध विचारक और सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी के वॉइस प्रेसिडेंट एवं मुख्य अतिथि श्री अविनाश राय खन्ना जी ने इस विकट स्थिति में समाज के दायित्वों के विषय में सेमिनार में जुड़े लोगों को संबोधित किया। श्री खन्ना ने भारतीय नागरिक समाज के प्रत्येक युवा और सक्षम सदस्य से आग्रह किया कि वे अपने “मानव धर्म” और “समाज धर्म” के निर्वहन के लिए समर्पण के साथ आगे आएं और इसे किसी भी सभ्यता द्वारा प्रचारित आइडिया ऑफ़ जस्टिस का सबसे पवित्र पहलू माना जाए।
भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय महासचिव डॉ उमाशंकर पचौरी ने प्राचीन भारतीय इतिहास के उपाख्यानों और कहानियों को उद्धृत किया, जहां महामारी और विपत्तियों से निपटने के लिए भारतीय समाज के प्रत्येक संपन्न सदस्य बड़े पैमाने पर और विशेष रूप से हाशिए वाले वर्गों के लिए समाज में अपनी सारी कमाई वितरित करते हैं। डॉ पचौरी ने दर्शकों से सभी को जागरूक करने की अपील की कि भविष्य के लिए रेमेडिसवियर जैसी दवाइयाँ एकत्रित करके आत्म केंद्रित होने का संयम रखना चाहिए, जब अन्य जरूरतमंद मरीज इसकी तत्काल आवश्यकता के कारण पीड़ित हैं।
रिसर्च स्टूडेंट्स, शिक्षाविदों और छात्रों के साथ-साथ पी.यू. के डॉ विशाल शर्मा, बंदा बहादुर हॉस्टल के वार्डन, डॉ मनीषा शर्मा, मदर टेरेसा गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन, डॉ गौरव गौड़, सामाजिक कार्य विभाग, पी.यू. मौजूद थे।