राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए देश रहेगा डा.अंबेडकर का ऋणी कुलपति प्रो. अनायतसमता मूलक समाज के लिए अंबेडकर ने किए संविधान मेंअतुलनीय प्रावधान सोनीपत, 12 अप्रैल।दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में योगदान के लिए देश हमेशा डा.भीमराव अंबेडकर का ऋणी रहेगा। डा. अंबेडकर ने अपने जीवन में देश को सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षणिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, संस्कृति, साहित्यक, औद्योगिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करके राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनमें से मुख्य सामाजिक उत्थान संबंधित योगदान, संविधान तथा राष्ट्र निर्माण में मुख्य भूमिका रही। कुलपति प्रो.अनायत नं डीसीआरयूएसटी में डा.भीमराव अंबेडकर का राष्ट्र निर्माण में योगदान विषय पर आयोजित सातवें व्याख्यान को संबोधित करते हुए कहा कि डा.अंबेडकर का देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने समता मूलक समाज की स्थापना करने के लिए संविधान में अतुलनीय प्रावधान किये। संविधान के कारण ही समाज में छूत-अछूत का भेदभाव मिटा है और देश नई ऊंचाइयों की ओर लगातार अग्रसर हो रहा है। कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि देश का संविधान बनाने में डा.अंबेडकर अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि डा.अंबेडकर अपनी विलक्षण प्रतिभाओं के कारण ही समाज में उनका एक विशिष्ट स्थान बना है। डा. भीमराव अंबेडकर का जीवन अनेक प्रकार की विविधिताओं से परिपूर्ण था। उनकी सर्वाधिक ख्याति एक संविधान निर्माता तथा समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के अधिकारों की रक्षा हेतु संघर्षरत योद्धा के रूप में ही अधिक है। कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि लोगों को अंबेडकर की विचारधारा को अपनाना चाहिए। गुरू नानक देव खालसा कॉलेज, दिल्ली के प्रो.इंद्रजीत सिंह ने कहा कि डा.अंबेडकरअपने जीवन में जो संघर्ष किए, उससे हम भली-भांति परिचित हैं। लेकिन उनका जीवन संघर्ष के साथ ही उम्मीदों की प्रेरणा से भी भरा हुआ है। हताशा-निराशा से बहुत दूर, एक ऐसे भारत का सपना, जो अपनी आंतरिक बुराइयों को खत्म करके सबको साथ लेकर चलेगा। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवा पीढ़ी डा.अंबेडकर के बारे में अध्ययन करें। युवा डा.अंबेडकर के पदचिन्हों पर चलकर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं। कुलसचिव प्रो. अनिल कुमार खुराना, प्रो. मनोज दूहन, हरबंस लाल ने भी डा. अंबेडकर के जीवन पर अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के लायजनिंग अधिकारी प्रो. एम.एस. नरवाल, प्रो. एस.के. ग्रेवाल, डा. विरेन्द्र अहलावत, डा. अजय मोंगा, डा. राजेन्द्र कुमार सोनी, श्री मुकेश बराड़, डा. अनिल यादव, डा. नरेश कुमार, डा. सुमन पंवार, डा. परविन्द्र सिंह, आनंद राणा, डा. नरेन्द्र हुड्डा, विकास शर्मा, डा. जगवेन्द्र सिंह, आजाद सिंह पंवार, रामनिवास मालवाल एवं विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारी, कर्मचारी व विद्यार्थियों ने भारी संख्या में भाग लिया। आयोजन में उपस्थित अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थियों ने डा. अंबेडकर द्वारा दिखाये गये रास्ते पर चलने का सकंल्प लिया।