सोनीपत, 5 फरवरी : दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो.एस.के.गर्ग ने कहा कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के प्रयासों से सड़क हादसों की संख्या में कमी आई है। भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2016 रिपोर्ट के अनुसार 2016 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 4.1 प्रतिशत की कमी आई है। सितंबर, 2017 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में 5.2 प्रतिशत तथा मृतकों की संख्या में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि असम, बिहार, ओडिशा और उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त सभी राज्यों में सड़क दुर्घटनाओं में 2 से 10 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
रजिस्ट्रार प्रो.गर्ग रिसेंट रिसेंट एडवांसिस इन हाइवे सेफ्टी इंजीनियरिंग विषय पर सिविल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा टीक्यूआईपी के सौजन्य से आयोजित एक सप्ताह के शॅार्ट टर्म कोर्स में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सड़कों पर दोपहर के घंटे बहुत ज्यादा जानलेवा होते हैं। सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं इसी वक्त होती हैं। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा अगस्त 2017 में आई रिपोर्ट भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2016 के अनुसार भारत में वर्ष 2005 से वर्ष 2016 के बीच कम से कम 1,550,098 लोगों की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है। रजिस्ट्रार प्रो.गर्ग ने कहा कि वर्ष 2016 में, भारत में करीब हर दिन 1331 दुर्घटनाएं हुईं थीं,यानी हर घंटे 55 दुर्घटनाएं हुई हैं। इन दुर्घटनाओं में 150,785 लोग मारे गए। हर घंटे 17 या हर तीसरे मिनट एक मौत। 494,624 लोग घायल भी हुए। मारे गए लोगों में से 25 फीसदी या 38,076 लोगों की उम्र 25 से 35 वर्ष की आयु के बीच थी। इसी उम्र के लोगों की मौत सबसे ज्यादा हुई है।
एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रांसपोर्ट डेवलपमेंट, नई दिल्ली के प्रो. पी.के.सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व में प्रतिवर्ष 12 लाख व्यक्तियों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होती है। इनमें से 90 प्रतिशत व्यक्ति विकासशील देशों के हैं। प्रतिवर्ष 20 से 50 लाख लोग घायल होते हैं, जबकि इनमे से 10 लाख व्यक्ति गंभीर रूप से घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत पैदल यात्रियों की सड़क दुर्घटना में मौत होती हैं, इनमें 23 प्रतिशत बच्चे शामिल हैं। अगर इसी तरह से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि होती रही तो 2020 तक मध्यम आय वाले देशों में 80 प्रतिशत तक वृद्धि हो जाएगी।
प्रो. सरकार ने कहा कि एक अध्ययन के अनुसार 1960 से 70 के मध्य जापान में वाहनों की संख्या में 5.6 गुणा की वृद्धि हुई, पंरतु सड़क दुर्घटनाओं में केवल 1.4 गुणा वृद्धि दर्ज हुई है। इस अवसर विभागाध्यक्ष प्रो.डी.सिंहल ने कहा कि विभाग द्वारा प्रतिवर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह का विभाग द्वारा आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से सड़क सुरक्षा के लिए जागरुक किया जाता है। इस अवसर पर प्रो.विजय शर्मा, इंजीनियर आर.के.जैन, श्री ज्ञानेंद्र सिंह, श्री सचिन दास, श्री सौरभ जागलान, श्री अमन अहलावत, श्री पंकज अग्रवाल व डा.सुदेश चौधरी आदि उपस्थित थे।