30 जनवरी, 2019 : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि तकनीक परिस्थितियों व भौगोलिक आधार पर मनुष्य का स्वभाव बदलता है। जिसके ऊपर शोध की बहुत आवश्यकता है। शोधार्थी द्वारा किया जाने वाला शोध समाज तथा उद्योगों के लिए उपयोगी होना चाहिए। प्रो. टंकेश्वर कुमार विश्वविद्यालय की सैंटर फॉर इंडस्ट्री इंस्टीच्यूट पाटर्नशिॅप सैल द्वारा ‘इंटलेकच्युअल प्रॉपर्टी राइट्स एंड पेटेंट्स’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्यातिथि सम्बोधित कर रहे थे। पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के प्रो. ए.के. सहजपाल, आईपीआर अटोर्नी, ज्योति कुमारी व पेटेंट्स अटोर्नी रंजना सिंह मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। कार्यशाला के कोर्डिनेटर प्रो. एचसी गर्ग है तथा को-कोर्डिनेटर प्रो. दीपक केडिया है। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि शोधार्थी को विपणन योग्य उत्पादन को ध्यान में रखते हुए शोध करना चाहिए। अपने शोध में ये भी ध्यान रखना चाहिए कि आप द्वारा किया गया शोध समाज में कितना योगदान देगा। शोधार्थी को अच्छे शोध के लिए शोध विधि तथा शोध तकनीकों का उचित प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डाटा संग्रहण व डाटा विश्लेषण शोध में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शोधार्थी को सांख्यिकीय विधियों को सही तरीके से शोध में प्रयोग करना चाहिए ताकि शोध के परिणामों को समाजहित में प्रयोग किया जा सके। पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के प्रो. ए.के. सहजपाल ने ‘इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एंड कंसल्टेंसी इन यूनिवर्सिटी सिस्टम’ पर विशेष व्याख्यान दिया। विशेष व्याख्यान में प्रो. ए.के. सहजपाल ने कहा कि डाटा संग्रहण व डाटा विश्लेषण शोध में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तथ्य विश्लेषण यदि सही नहीं होगा तो परिणाम भी त्रुटिपूर्ण होंगे। आईपीआर अटोर्नी ज्योति कुमारी ने ‘सिस्टम्स ऑफ प्रोटेक्शन आईपीआर वीद ए फोक्स ऑन पेटेंट’ व ‘पेटेंटिंग मिस्टेक्स एंड चैलेंजेज फेस्ड बाए रिसर्चर्स’ पर विशेष व्याख्यान दिया। पेटेंट्स अटोर्नी रंजना सिंह ने ‘स्टे्रटेजीज फॉर एफिशिंएट पेटेंट्स सर्चिंग’ विषय पर अपना वक्तव्य दिया। सैंटर फॉर इंडस्ट्री इंस्टीच्यूट पाटर्नशिॅप सैल के निदेशक व कार्यशाला कोर्डिनेटर प्रो. एच.सी. गर्ग ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय कार्यशाला में हरियाणा स्टेट काऊंसिल फॉर साईंस एंड टेक्नोलॉजी, साईंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग हरियाणा सरकार द्वारा विशेष सहयोग दिया गया। कार्यशाला में दो तकनीकी सत्र रखे गए जिसमें चार मुख्य व्याख्यान हुए। कार्यशाला में 150 शिक्षकों, शोधार्थी व विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यशाला के को-कोर्डिनेटर प्रो. दीपक केडिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।