हिसार, 23 अगस्त 2016 : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार में सुबह खेजड़ली बलिदान की सत्य घटना पर आधारित हिंदी नाटक ‘महाबलिदान’ का आयोजन हुआ। विश्वविद्यालय में मंगलवार से गुरू जम्भेश्वर भगवान के 566वें जन्मदिन के उपलक्ष्य पर गुरू जम्भेश्वर जी महाराज जन्मोत्सव एवं जन्माष्टमी महोत्सव शुरू हुआ। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए इस महोत्सव का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने किया। अध्यक्षता गुरू जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान के अध्यक्ष डा. किशना राम ने की।
प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण सुरक्षा विश्व के समक्ष एक बड़ी चुनौती है। गुरू जम्भेश्वर भगवान ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था और खेजड़ली बलिदान की घटना पर्यावरण संरक्षण के लिए अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी घटना है। यह विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है और आगे भी इस दिशा में विशेष कदम उठाता रहेगा। कुलपति ने कहा कि इस नाटक के कलाकार विद्यार्थियों सहित पूरी टीम को ऐतिहासिक स्थल खेजड़ली गांव का दौरा कराया जाएगा।
डा. किश्नाराम ने अपने स्वागत सम्बोधन में मांग की कि पर्यावरण दिवस खेजड़ली बलिदान दिवस के दिन मनाया जाना चाहिए। इस दिशा में विश्वविद्यालय को प्रयास करना चाहिए। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने भी डा. किश्नाराम की इस मांग का समर्थन किया। सन 1973 में जोधपुर रियासत के गांव खेजड़ली में गुरू जम्भेश्वर भगवान के 363 अनुयायियों ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी थी। इसी घटना को आधार बनाकर हिन्दी नाटक ‘महाबलिदान’ का मंचन किया गया।
इस नाटक का निर्देशन विश्वविद्यालय के जनसम्पर्क अधिकारी बिजेन्द्र दहिया ने किया। बिजेन्द्र दहिया ने बताया कि इस नाटक के माध्यम से पेड़ों के महत्व को समझने का प्रयास किया गया है। सृष्टि की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है कि पेड़ों को बचाने के लिए कदम उठाए जाएं। दर्शकों ने इस हिन्दी नाटक को खूब सराहा तथा भाव-विभोर हो गए। इस अवसर पर भक्ति गीतों पर आधारित लोकनृत्य भी प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव प्रो. वी.के. बिश्नोई ने प्रस्तुत किया। बिश्नोई सभा, हिसार के प्रधान प्रदीप बेनीवाल ने कहा कि बिश्नोई सभा ने हिन्दी नाटक ‘महाबलिदान’ की पूरी टीम को सम्मानित करने का निर्णय लिया है। अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा ने इस नाटक का आयोजन खेजड़ली गांव में करवाने की घोषणा की है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मचारी, विद्यार्थी एवं शहर के गणमान्य अतिथि भारी संख्या में उपस्थ्ति थे।
तीन दिवसीय कार्यक्रम के तहत 24 अगस्त को विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा तथा 25 अगस्त को गुरू जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान में हवन यज्ञ किया जाएगा।