सोनीपत, 5 सितंबर। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के वाइस चेयरमैन प्रो.एम.पी. पूनिया ने कहा कि स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय के सर्वे में पता चला है कि भारतीय विद्यार्थी चीन व रसिया देश के विद्यार्थियों की अपेक्षा ज्यादा प्रतिभावान है। उन्होंने कहा कि शिक्षक का जीवन सफेद कपड़े के समान है। अगर शिक्षक का चरित्र बना रहेगा तो समाज भी बना रहेगा।
प्रो.पूनिया दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल में आयोजित इंडक्शन प्रोग्राम में बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्टैंडफोर्ड विश्वविद्यालय ने हमारे देश व चीन तथा रसिया के 11वीं व 12 वीं के विद्यार्थियों का सर्वे किया। सर्वे में सामने आया कि भारतीय विद्यार्थी में सीखने की क्षमता बहुत तीव्र हैं चीन व रसिया के विद्यार्थियों की अपेक्षा। हमारे देश के विद्यार्थियों के पास जो सीखने की शक्ति है वह विश्व में किसी के पास नहीं है। हमारे देश के विद्यार्थी देश में नहीं अपितु विश्व के किसी भी कौने में अद्वितीय प्रदर्शन करने की क्षमता रखते हैं।
प्रो.पूनिया ने कहा कि शिक्षक को विद्यार्थी के साथ अपने बच्चे जैसा व्यवहार करना चाहिए। शिक्षक को विद्यार्थी के ज्यादा से ज्यादा प्रश्नों के उत्तर देने चाहिएं। समाज का शिक्षक पर विश्वास है। अगर शिक्षक के ऊपर से समाज का विश्वास टूट जाएगा तो समझों समाज टूट जाएगा। शिक्षक बच्चे को दिशा प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में वही व्यक्ति और विद्यार्थी कामयाब है जो समाज में हो रहे परिवर्तन के अनुसार स्वयं को बदल ले। जो समाज में हो रहे निरंतर बदलाव के अनुरूप अपने अंदर परिर्वतन करेगा, वहीं कामयाब होगा।
प्रो. पूनिया ने कहा कि ज्यादा कमाने के लिए ज्यादा सीखने की आवश्यक्ता है। जीवन में हर समस्या का समाधान है। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई सिंगापुर की जनसंख्या से ज्यादा विद्यार्थियों को एडमिशन देने की क्षमता रखता है। एआईसीटीइ तकनीकी शिक्षा में 37 लाख विद्यार्थियों को तकनीकी शिक्षा प्रदान की क्षमता रखता है, जबकि सिंगापुर की जनसंख्या 32 लाख है।
एआईसीटीई के सलाहकार प्रो.राजीव कंसल ने कहा कि इंडक्शन प्रोग्राम नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। इंडक्शन प्रोगाम जीवन जीने की राह दिखाता है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों को यह पता चलता है कि जीवन में क्या महत्वपूर्ण है और क्या नहीं। उन्होंने कहा कि नए पाठ्यक्रम में क्रेडिट कम करने का उद्देश्य यह है कि विद्यार्थी शिक्षा के साथ साथ नैतिकता, समाज के प्रति हमारा दायित्व आदि सीखें।
प्रो.कंसल ने कहा कि इंडक्शन प्रोग्राम में इंटर्नशिप के माध्यम से विद्यार्थियों को 800 घंटें उद्योगो में काम करने का अवसर मिलेगा। लेकिन यह अवसर विद्यार्थियों को तीसरे व चौथे सेमेस्टर में मिलेगा। इस अवसर पर इंडक्शन प्रोग्राम कंवीनर जे.एस.सैनी, परीक्षा नियंत्रक डा.एम.एस.धनखड़, प्रो.राजकुमार सिंह, प्रो.अजय मोंगा, प्रो आर.के.सोनी, प्रो.अशोक कुमार,प्रो.अवधेश कुमार, डा.बिरेंद्र हुड्डा, डा.सुखदीप सिंह, डा.सुमन सांगवान व डा.पवन दहिया आदि उपस्थित थे।