भोपाल : एम.सी.यू. के सत्र शुभारम्भ कार्यक्रम ‘सत्रारम्भ’ की शुरूआत पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देकर की गई। उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि यदि जीवन में सकारात्मक रहेंगे तो जीवन सकारात्मक बनेगा और नकारात्मकता को अपनाएंगे तो जीवन नकारात्मक बनेगा। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रो. कुठियाला ने कहा कि यदि आपके संकल्प शुभ होंगे तो उनको पूरा करने में प्रकृति भी मदद करती है। जो संकल्प
समाजहित को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं, उन्हें शुभ संकल्प माना जाता है। प्रो. कुठियाला ने इस अवसर पर भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने अपनी पहली पुस्तक में पत्रकारिता के संबंध में चिंता व्यक्त करते हुए लिखा है कि हो सकता है पत्रकारिता के लिए नकारात्मकता अनिवार्य हो, परंतु कितना अच्छा होगा कि प्रत्येक पत्रकार प्रतिदिन कम से कम एक सकारात्मक खबर बनाए। प्रो. बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि वर्तमान में लगभग 10 हजार पत्रकार प्रतिदिन पत्रकारिता में अपना योगदान देते हैं। यदि सभी प्रतिदिन एक सकारात्मक समाचार लिखें, तब समाज को बहुत प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने नवागत विद्यार्थियों से आग्रह किया कि जिस क्षेत्र में वे काम करें, डॉ. कलाम के इस संदेश को ध्यान में रखें। प्रो. कुठियाला ने पत्रकारिता के सभी विद्यार्थियों को वो शपथ भी दिलाई जो डॉ. कलाम द्वारा 2012 में विश्वविद्यालय आगमन पर दिलाई थी।
सत्रारम्भ कार्यक्रम के दूसरे सत्र में ‘प्रिंट मीडिया में कॅरियर’विषय पर बोलते हुए श्री आनंद अगासे, पूर्व सम्पादक सकाल (मराठी दैनिक) ने विद्यार्थियों को बताया कि हिन्दी न्यूज पेपर का क्षेत्र बहुत बड़ा है और प्रिंट मीडिया दिन-प्रतिदिन नये आयामों को छू रहा है। आने वाले समय में प्रिंट मीडिया का ग्रोथ रेट नौ प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है। देश के सभी कोनों में बिजली की सुविधा उपलब्ध न होने के कारण इलेक्ट्रानिक मीडिया का प्रचार-प्रसार अभी अधिक मात्रा में नहीं हो पाया है, जिस कारण लोगों द्वारा आज भी न्यूज़ पेपर को इलेक्ट्रानिक मीडिया की तुलना में ज्यादा पसंद किया जा रहा है। प्रिंट मीडिया ने अपने बढ़ते पाठकों की वजह से सम्पादकीय पेज पर ‘लेटर टू एडीटर’ के लिए पहले की तुलना में अधिक स्थान देना प्रारम्भ कर दिया है।
श्री अगासे ने विद्यार्थियों को बताया कि अंग्रेजी न्यूज पेपर की तुलना में लोगों द्वारा आज भी प्रादेशिक समाचार पत्रों को अधिक पसंद किया जा रहा है। मीडिया के विद्यार्थियों को प्रिंट मीडिया के अतिरिक्त मीडिया के अन्य क्षेत्रों का भी ज्ञान होना आवश्यक है। एक मीडियाकर्मी को अपनी मातृभाषा के अतिरिक्त कम से कम एक और भाषा पर अपनी पकड़ बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आने वाला समय डिजिटल मीडिया का होने वाला है। इसलिए हम सबको समय
के साथ-साथ अपनी योग्यता व तकनीकी समझ को भी बढ़ाना पड़ेगा, तभी हम समय के साथ परिवर्तित हो रही पत्रकारिता में अपने आपको सहज महसूस कर पाएंगे।
एक अन्य सत्र में विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव श्री लाजपत आहूजा ने विश्वविद्यालय का परिचय विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत किया। कुलसचिव श्री दीपक शर्मा ने रैगिंग एवं उसके दुष्परिणामों के संबंध में विद्यार्थियों को बताया। परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजेश पाठक ने विश्वविद्यालय की परीक्षा से जुड़ी गतिविधियों से विद्यार्थियों को अवगत कराया। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष, डॉ. राखी तिवारी ने महिला एवं पुरूष समानता के विषय में विद्यार्थियों को बताया। सत्रारम्भ कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी, समस्त विद्यार्थी एवं नगर के गणमान्य नागरिक, मीडियाकर्मी उपस्थित थे।