सोनीपत, 7 अगस्त। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए ध्यान से सुनना,अवलोकन व मनन करना आवश्यक है। अगर विद्यार्थी इन सबको शानदार ढंग से करेंगे तो सफलता निश्चित तौर पर प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए विद्यार्थियों को अभ्यास और वैराग्य की आवश्यक्ता है।
कुलपति प्रो. अनायत विश्वविद्यालय के फिजिक्स विभाग द्वारा आयोजित ओरियंटेशन प्रोग्राम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वैराग्य से अभिप्राय है कि एकाग्रचित होकर लक्ष्य को निर्धारित कर शिक्षा में परिश्रम करने से हैं। विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय में उपलब्ध प्रयोगशालाओं और संसाधनों का सदुपयोग करते हुए अपने माता पिता के स्वपन को पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन मानव जीवन का स्वर्णिम काल होता है। अत: विद्यार्थी जीवन में किया गया परिश्रम जीवन्त पर्यन्त काम आएगा।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि भौतिकी को विज्ञान का पितामह भी कह सकते हैं। वर्तमान समय में जो विकास हो रहा है, वह भौतिकी के कारण ही संभव हो पाया है। विदेशों में भौतिकी के प्रति विशेष सम्मान है। उन्होंने कहा कि समय के साथ -साथ सीखने की प्रक्रिया में भी बदलाव आ गया है। विद्यार्थियों को गुगल से भी सहायता मिल जाती है। लेकिन गुगल हमेशा काम नहीं कर पाता। शिक्षा के क्षेत्र में सफलता के लिए शिक्षक की आवश्यक्ता होती है। शिक्षक ही विद्यार्थी का शिक्षा के क्षेत्र में मार्ग दर्शन कर सफलता के रास्ते पर ले जाएगा।
इस अवसर पर भौतिकी के विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश खासा ने कहा कि विभाग के पास चार प्रयोगशालाएं हैं। जिनमें रिसर्च स्कॉलर विद्यार्थियों के गाइड की भूमिका अदा करेंगे। उन्होंने कहा कि पांच नए रिसर्च स्कॉलर आने के बाद विभाग में रिसर्च स्कॉलर की संख्या 20 हो जाएगी। इस अवसर पर प्रो. बी.पी.मलिक, प्रो.एस.के.सिंह, प्रो.शुक्ला, डा.पवन राणा, खेल निदेशक डा.बिरेंद्र सिंह हुड्डा, डा.प्रदीप सिंह, डा.आशिमा व मेहर सिंह आदि उपस्थित थे।