सोनीपत, 14 जून। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि भौतिकी ने मानव का जीवन बहुत सुगम बना दिया है। भौतिकी ने हमारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना जाना आसान कर दिया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन में भौतिकी का अहम महत्व है। भौतिकी के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।
डीसीआरयूएसटी, मुरथल के भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित ऑनलाइन फैकल्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन के अवसर पर कुलपति प्रो.अनायत बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। ट्रेनिंग प्रोग्राम में 90 प्रतिभागियों ने भाग लिया। कुलपति प्रो.अनायत ने कहा कि नई प्रौद्योगिकी के कारण मानव अपने समय,धन और परिश्रम को बचाता है। उन्होंने कहा कि हम कह सकते हैं कि भौतिकी विज्ञान ने मानव जीवन को बहुत अधिक सुविधाएं प्रदान की।
रजिस्ट्रार प्रो.पवन दहिया ने कहा कि समय के साथ साथ विज्ञान के कारण नए नए आविष्कार हो रहे हैं। नए आविष्कारों को मानव के दैनिक जीवन में उपयोग में लाने का कार्य भौतिकी करती है। उन्होंने कहा की पहले सूचनाओं को कागज पर लिख कर भेजते थे, लेकिन अब सूचनाओं को चुंबकीय तरंगों के माध्यम से भेजा जाता है। पहले सूचनाओं को एक से दूसरे स्थान पर भेजने के लिए बहुत अधिक समय लगता था, लेकिन अब सूचनाएं जल्द पहुंच जाती हैं।
आईआईटी, दिल्ली के प्रो. नीरज खरे ने बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर संबोधित करते हुए कहा आधुनिक समाज में नैनो टेक्नोलॉजी को श्रेष्ठ टेक्नोलॉजी माना गया है, क्योंकि नैनो टेक्नोलॉजी अणुओ व परमाणुओं की इंजीनियरिंग है, जो भौतिकी, रसायन, बॉयोइन्फार्मेटिक्स, बॉयोमेडिकल व बॉयोटेक्नोलॉजी इंजीनियरिंग जैसे विषयो को समाहित करती है। नैनो टेक्नोलॉजी आज कृषि , शिक्षा एवं विज्ञान सभी क्षेत्रों में अपना अहम योगदान दे रही है।
विभागाध्यक्ष प्रो.पवन एस राणा ने कहा कि यह प्रोग्राम एआईसीटीई के सहयोग से आयोजित किया गया है। ट्रेनिंग प्रोग्राम में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मटेरियल साइंस, व् इंजीनियरिंग साइंस के 90 से ज्यादा प्रतिभागियों ने भाग लिया है । उन्होंने कहा कि फैकल्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्देश्य विशेषज्ञ तकनीक के लिए एक मंच प्रदान करना है, उन्नत प्रौद्योगिकियों के बारे में आदान-प्रदान और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नैनो सामग्री,सिरेमिक,ग्लास, पॉलिमर , मिश्रित सामग्री और उनके इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकियों के विकास की तरफ ध्यान आकर्षित करना है।
प्रोग्राम का संचालन प्रोग्राम ऑर्डिनेटर डॉ अशोक कुमार व डॉ सुरेंद्र दुहन ने किया। इस अवसर पर प्रो.रजनी शुक्ला, प्रो.सतीश खासा, लेफ्टिनेंट डा. प्रदीप सिंह,डा.विनोद, डा.आशिमा व डा.रविंद्र आदि भी उपस्थित थे।