27 जुलाई, 2018 : गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के फिजिक्स विभाग की प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि नेनो तकनीक का विकास वर्तमान वैज्ञानिक युग का क्रांतिकारी परिवर्तन है। ये नेनो तकनीक का ही कमाल है कि एक चिप में ट्रांजेक्शन की संख्या 10 करोड़ हो गई है।
प्रो. सुनीता श्रीवास्तव फिजिक्स विभाग के सौजन्य से चल रहे पांच दिवसीय ‘इन्सपायर इन्टर्नशिप साईंस कैम्प’ के तीसरे दिन प्रतिभागियों को अपना विशेष व्याख्यान दे रही थी।
प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि कम्प्यूटर की खोज के समय कम्प्यूटर का आकार एक कमरे के आकार का होता था, मगर आज कम्प्यूटर एक छोटे से बैग में आ जाता है। नेनो तकनीक इससे भी छोटा कम्प्यूटर बनाने वाली है। उन्होंने कहा कि आज के शोध में सैद्धांतिक ज्ञान व व्यवहारिक ज्ञान के अलावा सिमुलेशन का कैन्सेंट भी विकसित हुआ है। चिकित्सा के क्षेत्र में सिमुलेशन तकनीक का अति उत्तम प्रयोग हो रहा है। विशेष रूप से हृदय सम्बन्धित रोगों की जांच में यह तकनीक लाभकारी साबित हो रही है। सिमुलेशन के माध्यम से हार्टअटैक रोगी की नसों के बलॉकेज का पता लगाकर उसका ईलाज किया जा सकता हैं और मुनष्य को हार्टअटैक से बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सामरिक क्षेत्र में प्रयोग होने वाली वस्तुओं के निर्माण में सिमुलेशन तकनीक बहुत उपयोग हो रही है। एक बम के निर्माण के बाद उस बम को गिराया नहीं जा रहा है बल्कि तकनीकी माध्यम से ही उसकी क्षमता का प्रयोग किया जाता है। सिमुलेशन से ही बम की तरंगों की स्थिति जांच ली जाती है।
पंजाब विश्वविद्यालय, चण्डीगढ़ के प्रो. डेजी बातिस द्वारा ‘बायोडायवरसीटी’ पर अपना विशेष व्याख्यान दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को मौसम परिवर्तन से बायोडायवर्सिटी की वर्तमान स्थिति के बारे में अति उपयोगी जानकारियां दी। उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि हमें प्राकृतिक संसाधनों का उचित व जरूरत के अनुसार ही प्रयोग करना चाहिए, ताकि पर्यावरण को संरक्षित रखा जा सकें। शिविर के संयोजक प्रो. रवि भाटिया ने बताया कि शनिवार को पंजाब विश्वविद्यालय के प्रो. ए.एस. आलुवालिया व प्रो. के.के. बसिन तथा गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के गणित विभाग के प्रो. मुकेश कुमार शर्मा प्रतिभागियों को अपना विशेष व्याख्यान देंगे। शिविर में प्रो. देवेन्द्र मोहन व प्रो. सुजाता सांघी उपस्थित रहे।