भोपाल, 13 फरवरी, 2018। पत्रकारों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा विधेयक पर बहस के दौरान युवा संसद में सार्थक चर्चा हुई। सत्ता पक्ष एवं प्रतिपक्ष दोनों की ओर से इस बात पर जोर दिया गया कि पत्रकारों की आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए एक कानून बनाया जाना आवश्यक है। विधेयक प्रस्तुत करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अरुनिता श्रीवास्तव ने कहा कि यह विधेयक लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को मजबूत बनाएगा। इस कानून के लागू होने के बाद पत्रकार अपना काम अधिक चिंता मुक्त एवं निर्भय होकर कर सकेंगे। बहस के बाद सदन में पत्रकारों की आर्थिक एवं सामाजिक विधेयक को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसके साथ ही माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर भी जमकर हंगामा हुआ।
पं. कुंजीलाल दुबे राष्ट्रीय संसदीय विद्यापीठ की ओर से माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में आयोजित युवा संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण भी हुआ। राष्ट्रपति तेजस ठाकुर ने अपने अभिभाषण में कहा कि सरकार में इस वित्तीय वर्ष में 10 प्रतिशत की विकास दर प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने, युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने, सड़क, पानी बिजली जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाने में सरकार के अब तक के प्रयास सराहनीय रहे हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की राष्ट्रव्यापी मान्यता मिली है। वहीं सरकार ने सार्वजनिक विरण प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के समक्ष मंहगाई, भ्रष्टाचार, नक्सलवाद और कानून व्यवस्था को ले कर कई चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रश्नकाल में जमकर हुई बहस : प्रश्न काल के दौरान प्रतिपक्ष की ओर से युवा सांसदों ने जरूरी और तीखे प्रश्न पूछे, जिनमें शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के मुद्दे शामिल रहे। इसके साथ ही सेनेटरी नैपकीन, अंतरजातीय एवं अंतरधार्मिक विवाह, महिला आरक्षण पर प्रश्न पूछे गए। सत्ता पक्ष की ओर से मंत्री एवं सांसद बने विद्यार्थियों ने बहुत सधे हुए ढग़ से और तथ्यों-तर्कों के आधार पर प्रश्नों का जवाब दिया। नेता प्रतिपक्ष आदर्श गौतम ने नोटबंदी और जीएसटी को लेकर गंभीर प्रश्न उठाए, जिनका उत्तर वित्त मंत्री विभव देव शुक्ला ने अच्छे ढंग से दिया। प्रतिपक्ष ने कासगंज की घटना पर संसद में स्थगन प्रस्ताव लाने की माँग की। युवा संसद में इस घटना पर जोरदार बहस हुई। कासगंज की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए गृह मंत्री विशांत श्रीवास्तव ने कहा कि स्थितियों पर नियंत्रण पा लिया गया है और घटना के लिए दोषी लोगोंं को पकड़ लिया गया है। सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री सौरभ कुमार ने कहा कि यह घटना बहुत ही संवेदनशील है, इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। बल्कि पक्ष-विपक्ष दोनों को मिलकर सामाजिक सद्भाव के लिए प्रयास करना चाहिए।
युवा संसद की प्रस्तुति के दौरान संसदीय विद्यापीठ के संचालक राजेश गुप्ता, उप संचालक एमके राजोरिया, विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजय द्विवेदी, सांस्कृतिक कार्यक्रम समन्वयक डॉ. आरती सारंग एवं युवा संसद के आयोजन के समन्वयक लोकेन्द्र सिंह उपस्थित रहे। निर्णायक मंडल में मध्यप्रदेश विधानसभा सचिवालय के अवरसचिव मुकेश मिश्रा, संसदीय कार्यविभाग के अवरसचिव बृजराजेश्वर शर्मा, उच्च शिक्षा संचालनायलय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. पूर्णिमा लोदवाल शामिल रहीं। इस अवसर पर निर्णायक मंडल ने विद्याार्थियों का मार्गदर्शन भी किया।
इन्होंने निभाई युवा संसद में भूमिका :
तेजस ठाकुर (राष्ट्रपति), रितिका मिश्रा (लोकसभा अध्यक्ष), सौरभ कुमार (प्रधानमंत्री), विशांत श्रीवास्तव (गृहमंत्री), अलीशा सिन्हा (महिला एवं बाल विकास मंत्री), विभव देव शुक्ला (वित्त मंत्री), विपुल कुमार (मानव संसाधन विकास मंत्री ), शुभम शर्मा (संसदीय कार्यमंत्री ), अरुणिता श्रीवास्तव (सूचना एवं प्रसारण मंत्री), खुशबू पवार (सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री), मयंक वर्मा (सदस्य), दिव्यांशु शेखर (सदस्य), अम्बुज टाक (सदस्य), शांतनु शुक्ला (सदस्य), विमल कुमार जाटव (सदस्य), सुभाष कुमार (सदस्य), सोनल पटेरिया (सदस्य), राची रायकवाड़ (सदस्य), अभिजीत दास (सदस्य), कैलाश कुशवाह (मार्शल), आयुष चौरसिया (मार्शल), शबाहत हुसैन (महासचिव), राहुल साहू (प्रतिवेदक), जलज कुमार मिश्रा (प्रतिवेदक), अभिषेक कुमार सिंह (रिपोर्टर) एवं (रिपोर्टर)।