सोनीपत, 3 अप्रैल। आपके घर से निकलने वाले गंदे पानी जो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाता है, अब उससे बिजली बन सकेगी। दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के विद्यार्थियों ने प्रोजैक्ट तैयार किया है। विश्वविद्यालय के तकनीकी वार्षिकोत्सव में विद्यार्थियों ने यूरीन के बैक्टिरिया को जीवाणुभोजी जीव द्वारा मारने पर भी प्रोजैक्ट प्रस्तुत किया है। डीसीआरयूएसटी में टेक्नोवा के दूसरे दिन संकल्प शर्मा, रविकांत व विशाल कुमार ने सीवरेज के गंदे पानी पर अपना प्रोजैक्ट प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने प्रोजैक्ट में दिखाया कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में जल शोधन के बाद पानी के प्रवाह से टरबाइन चलाकर , उससे बिजली पैदा की जा सकती है। विद्यार्थियों ने एक छोटे से प्रोजैक्ट में सीवरेज के पानी से बिजली पैदा करके दिखाई। इससे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की आवश्यक्ता की बिजली के साथ साथ आस पास के कुछ क्षेत्र के लिए भी बिजली पैदा की जा सकती है। बिजली पैदा करने के बाद पानी का प्रयोग कृषि में किया जा सकता है। सीवरेज के पानी से अलग किए गए गंद से खाद भी बनाया जा सकता है। जैवप्रौद्योगिकी की शोधार्थी परवीनकौर सिद्धु, शिखा मलिक, रेनु व जगदीश ने बताया कि जीवन में महिलाओं को यूरिन इनफैक्शन जरूर होता है। यूरिन इनफैक्शन बैक्टीरिया के कारण होता है। लेकिन जीवाणु भोजी जीव ऐसे होते हैं जो कि यूरिन में रहने वाले बैक्टीरिया को मार देते हैं। इसके साथ साथ बैक्टीरिया से उत्पन्न होने वाली बिमारियों के ईलाज करने में भी सक्षम है। भावना और प्रिया नामक छात्रा ने अपने प्रोजैक्ट में बताया कि गैनोडर्मा खुंभ की एक जाति है जो लकड़ी पर उगती है। छात्राओं ने गैनोडर्मा या रिशि खंब का प्रयोग करके स्वर्ण के सूक्ष्म कण बनाए, जिनका प्रयोग मधुमेह,कैंसर व प्रतिरक्षा को बढाने वाली दवाइयों में किया जा सकता है। जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थी विकास कौशिक व अवन्तीका मान ने कोर्डिसेप्स मशरूम को विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में कृत्रिम परिस्थितियों में विभिन्न प्रकार के ग्रोथ स्पलीमेंट उपलब्ध करवाकर उगाया है। इससे प्राप्त होने वाले कोर्डिसेपिन पदार्थ से कैंसर व गुप्त रोग के ईलाज में प्रयोग की जाने वाली दवाइयों में किया जाता है। इसके अतिरिक्त टेक्नोवा में दूसरे दिन रोबो दंगल मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए रोबोट के मध्य दंगल हुआ। विद्यार्थियों ने दंगल के लिए अपने अलग अलग प्रकार के रोबोट बना रखे थे।