आज गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय में शिक्षकों ने हर संभव प्रयास करने के बाद भी हरियाणा सरकार एवं विश्वविद्यालय द्वारा अपने हितों की अनदेखी करने के विरोध में धरना प्रदर्शन किया।
गजूटा प्रधान ने बताया कि हरियाणा सरकार ने बार बार मांग करने पर भी शिक्षकों का 7th pay scale arrear ki rashi प्रदान नहीं की। अब तक विश्वविद्यालय के Corpus fund se सिर्फ वेतन दिया है और पेंशन एवं NPS ka paisa jama nahi kya hae।
हरियाणा सरकार ने अभी तक 7th pay scale guidelines जिस का सरकार द्वारा गठित कमेटी अपनी सिफारिशें छह माह पूर्व दे चुकी है, भी अभी तक लागू नहीं की है। शिक्षक सातवें वेतन आयोग में पीएचडी/MTech इंक्रीमेंट के लाभ से भी वंचित हैं। हरियाणा सरकार बार बार वादा करने के बाद भी इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। हम माननीय मुख्य मंत्री जी से गुज़ारिश करते हैं कि 7थ पे स्कले का पीएचडी/एमटेक increment ka लाभ शीघ्र आती शीघ्र प्रदान करें।
विश्वविद्यालय के वित्तीय हालात दिन पे दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं, परंतु हमारे वीसी महोदय को इस पर ध्यान करने कि फुरसत नहीं है। वे NBA aur NAAC ki inspection committee mein भ्रमण करने में अधिक व्यस्त हैं।
कुलपति महोदय के पास है से हम्बुर समय में जबकि अगले कुछ दिनों में चुनाव आचार संहिता लग जाएगी, और सरकार द्वारा विश्वविद्यालय की ग्रांटों की फाइल नहीं निकली है, परंतु हमारे कुलपति महोदय को इस बात की कोई चिंता नहीं है।
पिछले छह महीनों से कुलपति महोदय द्वारा gjuta को निम्नलिखित मुद्दों पर झूठे आश्वासन दिए गए:
7th पे स्केल के एरियर का पैसा सरकार से दस अगस्त तक लाना।
शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जून माह तक लागू करना।
SFS ke शिक्षकों को बजटेड पदों पर शिफ्ट करना। इस बारे में गजूटा हरियाणा सरकार को भी अनुरोध कर चुकी है कि विश्वविद्यालय की सभी SFS पदों को बजटेड में तब्दील कर दिया जाए।
प्रशासनिक भवन में लिफ्ट लगाने का वादा छह माह पूर्व किया गया था।
विभिन्न प्रशासनिक पदों पर नियुक्ति के लिए रोटेशन पॉलिसी बनाए बिना रोटेशन कर दी गई।
नबा एवम इंजीनियरिंग के शिक्षकों के लिए chathe वेतन आयोग के पीएचडी इंक्रीमेंट देने का वादा।
आगामी EC ke pahale CAS ke promotion ke सभी इंटरव्यू करने का वादा।
गजुटा कुलपति महोदय से उपर्युक्त मांगों के साथ साथ यह मांग करती है कि 7 वेतन आयोग की सिफारिशें व सातवें वेतन आयोग की पीएचडी/एमटेक इंक्रीमेंट आगामी EC में विश्विद्यालय द्वारा पास किए जाएं।
GJUTA के महासचिव ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन के वित्तीय हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि बार बार आग्रह करने के पश्चात भी पेंशन फंड में पिछले छह माह से एक रुपया भी नहीं डाला गया है। अपितु विश्वविद्यालय का पैसा आवश्यकता से अधिक outsourcing कर्मचारियों की नियुक्ति एवम अवांछित निर्माण कार्यों में, प्राइवेट/ सरकारी/ मंत्रियों के personal program aur function करने में खर्च किया जा रहा है।
GJUTA के वित्तीय हालात पर छह महीने से भी पूर्व शवेत पत्र जारी करने की मांग पर कुलपति महोदय चुप्पी साधे बैठे हैं।
इस अवसर पर प्रधान डॉ ऋषिपाल, सचिव डॉ विनोद गोयल, डॉ प्रीति प्रभाकर, डॉ राजेश ठाकुर, डॉ संजय परमार सहित अन्य कई शिक्षक मौजूद थे।