गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के विद्यार्थियों द्वारा तैयार की गई मोबाइल एप्लीकेशन को राष्ट्र स्तर पर प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया है। विश्वविद्यालय की टीम को यह पुरस्कार राष्ट्रीय स्तर के स्मार्ट इंडिया हेकाथोन-2019 की आयुष मंत्रालय श्रेणी में मिला है। प्रतियोगिता का आयोजन प्राणवीर सिंह इंस्टीच्यूट ऑफ टैक्नॉलोजी, कानपुर में किया गया था। टीम के विश्वविद्यालय में पहुंचने पर कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने टीम का स्वागत किया व टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के सृजनात्मक आइडिया ने विश्वविद्यालय को गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर नए आइडियाज को और अधिक विकसित करने के लिए योजना तैयार की जाएगी। कुलपति ने टीम के प्रत्येक विद्यार्थी को 1100 रूपये नगद पुरस्कार देने की भी घोषणा की। टीम का नेतृत्व मयंक शर्मा ने किया। इसके अतिरिक्त टीम में कार्तिके चौधरी, कुलदीप, राणा अतुल, हितेन जैन तथा ज्योति रानी शामिल रहे। सभी विद्यार्थी कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के हैं। टीम ने विश्वविद्यालय के पंडित दीन दयाल उपाध्याय इनोवेशन एंड इनक्युबेशन सैंटर व कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिेंग विभाग के सौजन्य से प्रतियोगिता में भाग लिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. अनिल कुमार पुंडीर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय इनोवेशन एंड इनक्युबेशन सैंटर के निदेशक प्रो. दीपक केडिया, कंप्यूटर साईंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रो.ओ.पी. सांगवान व टीम मेंटर डा. सुनील वर्मा रहे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए डिजीटल इंडिया अभियान को मूर्तरूप देने के उद्देश्य से होने वाली इस प्रतियोगिता का आयोजन अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सौजन्य से किया गया। इस प्रतियोगिता को देशभर के 48 नोडल केन्द्रों में आयोजित किया गया तथा इसमें दो हजार शिक्षण संस्थानों के दो लाख से ज्यादा तकनीकी कोर्सों में पढ़ रहे विद्यार्थियों ने भाग लिया। विद्यार्थियों के समक्ष आयुष, कृषि, जल प्रबंधन के अतिरिक्त अन्य निजी व सरकारी संस्थाओं ने समस्याएं प्रस्तुत की थी। विद्यार्थियों को उनका हल निकालना था। विश्वविद्यालय की टीम ने आयुष मंत्रालय श्रेणी में भाग लिया था। स्मार्ट इंडिया हेकाथोन प्रतियोगिता लगातार 36 घंटे तक चली, जिसमें विद्यार्थियों ने अत्यंत उच्चकोटि की प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया। विश्वविद्यालय के डा. सुनील वर्मा ने इस दौरान टीम का मार्गदर्शन किया। इनमें से एक प्रस्ताव को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा इस प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया। टीम को 50000 रूपये का नगद पुरस्कार भी मिला। यह टीम अपने इस आइडिया को और आगे विकसित करने के लिए आयुष मंत्रालय में जाकर कार्य करेगी। ये थी विद्यार्थियों की महामारी संबंधित सर्वे एपमहामारी संबंधित सर्वे एप फील्ड में सर्वे के लिए प्रयोग की जाएगी। यह एप क्षेत्र विशेष के अनुसार फार्म स्वत: डिजाइन कर लेगी। इस एप की विशेषता ये है कि यह एप बिना इंटरनेट के भी काम करेगी। फार्म में भरी गई जानकारियां इंटरनेट क्षेत्र में प्रवेश करते ही स्वत: अपलोड हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त इसका डाटाबेस भी तैयार होगा जो आयुष मंत्रालय में शोध व आगे की योजना बनाने के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। यह एप महामारी फैलने पर उसे नियंत्रित करने तथा उससे सम्बंधित योजनाएं बनाने में अत्यंत कारगर सिद्ध होगी।