हिसार, मई 15, 2021: महामारी काल में जीजेयु हिसार, सामाजिक व राष्ट्रीय ज़िम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहा है। ग्रामीणों क्षेत्रों में महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विश्वविद्यालय ने पांच गांवों में हेल्प डेस्क कोविड–19 स्थापित किए है। विश्वविद्यालय ने पांच गांवों को गोद ले रखा है। इनमें बहबलपुर, सातरोड कला, मिर्जापुर, नंगथला और देवा गांव शामिल है|
इस दौरान हेल्प डेस्क के माध्यम से जरूरतमंद ग्रामीणों को दवाइयां दी जाएगी और अन्य संभव सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। ग्रामीणों को एक हेल्प डेस्क का नंबर भी जारी किया गया है। इस नंबर के माध्यम से ग्रामीण विश्वविद्यालय के स्वास्थय विभाग से जानकारियां ले सकते हैं । दवाइयों के वितरण के लिए एक टीम का गठन किया जाएगा। उन्नत भारत अभियान व स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत अभियान के तहत दवाइयां सीधे गांव के पीएचसी सेंटर भेजी जाएगीं।
विश्वविद्यालय ने इन पांचों गांव में कॉउंसलिंग हेल्पलाइन भी स्थापित की है, क्योंकि कोरोना महामारी के दौरान व्यक्तियों को मानसिक समस्याएं भी आ रही हैं। इसके लिए विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक प्रोफ संदीप राणा ग्रामीणों को परामर्श देंगे। प्रोफ. राणा शाम चार बजे से छह बजे तक (रविवार को छोड़कर) मोबाइल नंबर 9255110772 पर उपलब्ध रहेंगे, जरूरतमंद इनसे परामर्श ले सकते हैं|
इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने बताया की ग्रामीणों को बीमारी के प्रति समय रहते जागरूक करना अति आवश्यक है, इसके लिए विश्विद्यालयों को अपनी ज़िम्मेदारी का निर्वाहन करना होगा| विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को सैनेटाइजर और दवाइयां भी इन गांव में भेजीं हैं। जीजेयु लगातार इस दिशा में कार्य कर रहा है और आगे भी करता रहेगा|
विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. अविनाश वर्मा ने बताया की इस समय गांव में कोविड को लेकर अहम् कदम उठाने की जरूरत है, जिसमें जीजेयु अपनी अहम् भूमिका निभा रहा है|
बहलपुर गांव के सरपंच श्री भजनलाल ने बताया की जीजेयु विश्वविद्यालय की ओर से गांव में सेनेटाइजर का छिड़काव करवाया गया एवं दवाइयों की उचित व्यवस्था की गयी है जिसके लिए हम कुलपति एवं विश्वविधालय परिवार का आभार व्यक्त करते हैं|