सोनीपत : दीनबंधु छोटूराम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल (डीसीआरयूएसटी) के प्रोफेसरों ने प.भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वारा के डिजाइन में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। विजेता प्रोफेसरों को विश्वविद्यालय की तरफ से एक लाख रूपए पुरस्कार स्वरूप दिया जाएगा। मुख्य द्वार का डिजाइन चिकित्साशास्त्र के इतिहास , तकनीकी उपलब्धियों व प्रदेश की संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए तैयार किया गया है। विजेता प्रोफेसरों को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेंद्र कुमार अनायत ने बधाई दी तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि आकिंटेक्चर का संबंध देश बेहद पुराना है। भारत की भवन निर्माण कला विश्वभर में विख्यात रही है। भारत की इस कला के दर्शन करने के लिए लोग विदेशों से भारत आते रहे हैं। आज भी भारत की इस कला लोहा माना जाता है। उन्होंने कहा कि आर्किटेक्चर को प्रकृति से जोडऩे की आवश्यक्ता है। खत्म हो रहे प्राकृतिक संसाधनों के चलते सुखद भविष्य पर प्रश्रचिन्ह लगता दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की पूरजोर आवश्यक्ता है। इसके लिए आवश्यक है कि किसी भी भवन के निर्माण के डिजाइन में प्रकृति के समावेश को ध्यान में रखा जाए, ताकि ऊर्जा का संरक्षण हो सके।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि विश्वविद्यालय का आर्किटेक्चर विभाग अकादमिक, रिसर्च, कंसलटेंसी के अतिरिक्त सामाजिक उत्थान में भी महत्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के साथ साथ शिक्षकगण भी नित नई उपलब्धियां प्राप्त कर रहे हैं। किसी क्षेत्र विशेष में न होकर, ये उपलब्धियां हर क्षेत्र में प्राप्त की जा रही हैं। कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि आर्किटेक्चर के क्षेत्र में विश्वविद्यालय के पास प्रतिभाशाली शिक्षक मौजूद है।
स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, रोहतक द्वारा अप्रैल 2017 में विश्वविद्यालय के प्रांगण के मुख्य द्वार के आर्किटेक्चर डिजाइन हेतु एक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया था। प्रतियोगिता में प्रसिद्ध राष्ट्रीय व क्षेत्रीय संस्थानों से मुख्य प्रवेश द्वार की डिजाइन मंगवाई गई थी। प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य राज्य के प्रथम मैडिकल विश्वविद्यालय के लिए एक वृहद्ध स्तर का प्रवेश द्वार का डिजाइन करवाना था।
प्रतियोगिता में डिजाइन के चयन हेतु स्वास्थ्य शिक्षा एवं रिसर्च के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई गई थी। डीसीआरयूएसटी का प्रतिनिधित्व करते हुए आर्किटेक्चर विभाग के प्रो. विजय शर्मा व प्रो. शैलजा ने डिजाइन के प्रारूप की प्रस्तुति कमेटी के समक्ष दी। डीसीआरयूएसटी के आवेदन को विजेता घोषित किया गया। अब स्वास्थ्य एवं विज्ञान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का निर्माण डीसीआयूएसटी के प्रो. द्वारा बनाए गए डिजाइन के आधार पर किया जाएगा।
प्रो.विजय शर्मा ने स्वयं तथा उनकीअध्यक्षता में आर्किटेक्चर विभाग की टीम द्वारा राज्य स्तर पर कई प्रोजेक्टों के डिजाइन तैयार किए गए हैं, जिसमें सोनीपत जिले का सिटी फोरेस्ट पार्क, गन्नौर का मॉडल संस्कृति स्कूल व कुछ मॉडल सरकारी स्कूल आदि के डिजाइन प्रमुख हैं। इनमें से कुछ प्रोजेक्टों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है व कुछ निर्माणाधीन हैं तथा कुछ शासन स्तर पर प्रस्तुत किए गए हैं।
प्रो.विजय शर्मा व प्रो.शैलजा ने डीसीआरयूएसटी ने सोनीपत जिले के गांव पिनाना, राजपुर, सफियाबाद, जांटी कला व बाजिदपुर को गांव के ग्रामीण विकास के प्लान बनाकर प्रशासन को प्रस्तुत किए जा चुके हैं। इस कार्य के विश£ेषण करने पर आईआईटी, दिल्ली ने डीसीआरयूएसटी, मुरथल के आर्किटेक्चर विभाग की प्रो.विजय शर्मा व प्रो. शैलजा की टीम को भारत सरकार की महत्वकांक्षी योजना उन्नत भारत अभियान के तहत प्रोजेक्ट दिया गया है, जिसके अंतर्गत सोनीपत जिले के गांवों के विकास के अधिक प्रोजेक्टस तैयार किए जाएंगे।
गौरतलब है कि आर्किटेक्चर के सभी कार्यों में विश्वविद्यालय के छात्रों का सहयोग लिया जाता है,जिससे विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान हो सके। वर्तमान प्रोजेक्ट में विभाग के छात्र रोहन व आकाश ने योगदान दिया।