सोनीपत, 20 अप्रैल : दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मुरथल के कुलपति प्रो. राजेंद्रकुमार अनायत ने कहा कि वातावरण के अनुसार हमें भवनों का निर्माण करना चाहिए, भवन का निर्माण करते समय वेस्ट मटेरियल का सदुपयोग करके कम कीमत पर लंबे समस तक चलने वाले भवन का निर्माण करना चाहिए।
कुलपति प्रो. अनायत विश्वविद्यालय के सरस्वती पुस्तकालय के सेमीनार हॉल में एनर्जी कंजर्वेशन कोड बिल्डिंग पर एक द्विसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन के अवसर पर बतौर मुख्यातिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भवन के निर्माण के समय हमें मटेरियल , वातावरण व ऊर्जा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमें ऐसे भवन का निर्माण करना चाहिए, जिसमें सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा सदुपयोग हो सके। हमारा यह प्रयास रहना चाहिए कि भवन निर्माण में रिसाइकिल करके मैटीरियल का प्रयोग हो,जिससे हम अपने प्राकृतिक संसाधनों का कम से कम प्रयोग करें।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति बहुत महान रही है। प्राचीन संस्कृति हमें सीखाती है कि हम किस प्रकार प्रकृति के साथ तालमेल बनाकर रह सकते हैं। प्राचीनकाल में मनुष्य के लिए बनाए जाने वाले घर को मनुष्यालय कहते थे। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में कौशिकेय नामक पुस्तक में बताया गया है कि जब मनुष्य को घर बनाने के लिए लकड़ी की आवश्यक्ता पड़ती थी, तो वह लकड़ी लेने के लिए वन में जाता था। सबसे पहले वह वृक्ष से प्रार्थना करता था कि पेड़ पर निवास करने वाले सभी पक्षी -कीट आदि वृक्ष को छोड़कर चले जांए। दूसरे दिन जाकर वह वृक्ष के पास जाकर धूंआ करता था ताकि वृक्ष से पक्षी -कीट आदि दूसरे वृक्ष पर चले जाएं। चौथे दिन जाकर वह वृक्ष को लकड़ी के लिए काटता था तथा एक को काटने पर तीन पौधे रोपता था। ताकि कटे हुए वृक्ष की भरपाई हो सके तथा वातावरण पर वृक्ष के काटने का ज्यादा विपरीत प्रभाव न पड़ सके।
रजिस्ट्रार प्रो.एस.के.गर्ग ने कहा कि हमें इस प्रकार के घर का निर्माण करना चाहिए, जिसमें हमें बिजली का कनैक्शन लेने की आवश्यक्ता न पड़े। इस भवन में हर प्रकार की सुविधाएं हो। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास यह रहना चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा स्वदेशी तकनीक का प्रयोग करके सस्ता भवन बनाना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में डिजाइन गुड़गांव की तरफ से सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह के रूप में पौधे प्रदान किए गए। ट्रेनिंग प्रोग्राम में 80 विद्यार्थी भाग ले रहेह हैं।इस अवसर पर प्रो.ज्योति शर्मा पांडेय, प्रो.चित्ररेखा काबरे, प्रो.अजय मोंगा,डा.सतपाल सिंह, नेहा व ललित आदि उपस्थित थे।