सोनीपत, 6 अप्रैल : दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र एवं छात्राओं ने टैक्नोवा में अपनी प्रतिभा दिखाई। टैक्नोवा की साज सज्जा वेस्ट मेटीरियल से कई थी। टैक्नोवा में रोबोटिक्स आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा। विद्यार्थियों ने फर्श को साफ करने वाली मशीन को भी टैक्नोवा में प्रदर्शित किया। टैक्नोवा का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.राजेंद्रकुमार अनायत ने किया।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि हमें अपने जीवन में फाइव आर के सिद्धांत पर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में रियूज,रिसाइकिल,रिप्रोडयूज,रिपर्पज व रिक्वर का प्रयोग करना चाहिए। फाइव आर के माध्यम से हम अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा तो कर ही सकेंगे। इसके साथ ही साथ हम अपने वेस्ट मेटीरियल का पुन: प्रयोग करके अपने देश को आर्थिक समृद्धि की तरफ भी ले जा सकते हैं।
कुलपति प्रो. अनायत ने कहा कि विद्यार्थियों ने वेस्ट मेटीरियल का प्रयोग करके समाज के लिए एक अच्छा संदेश देने का प्रयास किया है। टेक्नोवा के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। इस दौरान अपनी प्रस्तुति देने वाले विद्यार्थियों से कुलपति प्रो. अनायत ने बातचीत भी की तथा विद्यार्थियों को प्रोत्साहित भी किया।
टेक्नोवा में सबके आकर्षण का केंद्र रोबोटिक्स की प्रतिस्पर्धा थी। विद्यार्थियों ने मात्र 15 से 20 दिन में ही लगभग 2000 रूपए की कीमत के रोबोट तैयार किए। रोबोट पाथ फाइंडर प्रतिस्पर्धा में रोबोट स्वयं अपना मार्ग का पता कर उस पर चलता है। रोबो दंगल में रोबोट्स के मध्य दंगल देखने को मिला। रोबोट की एक अन्य प्रतिस्पर्धा में रोबोट वजन उठाकर विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए अपने लक्ष्य तक पहंच जाता है।
करण मलिक ने मात्र 1500 रूपए की लागत से बनाई गई फ्लारे क्लीनिंग मशीन की प्रस्तुति दी। यह मशीन फर्श को साफ करने का कार्य करती है। करण ने बताया कि मशीन में सैंसर लगाने के बाद मशीन स्वयं कचरे वाली जगह जाकर गंदगी का साफ करने का कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त खुशबु अवंतिका व अभिषेक ने कानों की बालियों का स्टॉल लगाया हुआ था। स्टॉल पर लगी कानों का बालियां स्वयं विद्यार्थियों ने बनाई थी। ममता, यशिका व रितु जैन ने कानों की बालियों के स्टॉल पर पारंपरिक बालियों की प्रस्तुति दी। इसमें पंजाब,राजस्थान, व गुजराज की कानों का बालियां आकर्षण का केंद्र थी। कृषा, गौरिका व जसप्रीत ने आभूषणों का स्टॉल लगाया हुआ था। पारंपरिक कपड़ों व आधुनिक कपड़ों के हिसाब से पहने जाने वाले आभूषण की प्रस्तुति दे रखी थी।
सृष्टि, अंजलि , शांतनु, हैंसी व रोहित ने पुस्तकों का स्टॉल लगाया हुआ है। विद्यार्थियों का कहना है कि ई -बुक की अपेक्षा पुस्तके पढने से भाव आता है। पुस्तक पढने से हमारे अंदर एकाग्रता आती है। इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों ने सिक्के का स्टॉल लगाया हुआ था, जिसमें मुगल काल से लेकर दूसरे देशों के व वर्तमान के सिक्के थे। इस अवसर पर रजिस्ट्रार प्रो.एस.के.गर्ग,परीक्षा नियंत्रक डा.एस.एस.धनखड़,टेक्नोवा के कोर्डीनेटर प्रो.सुरेंद्र दहिया,प्रो.डी.सिंहल, प्रो. अनिल खुराना, प्रो.एस.के.जरियाल टीपीओ. डा.वी.एस.अहलावत,डा.बिरेंद्र हुड्डा, डा.सुखदीप सांगवान, डा.सुमन सांगवान, डा.पवन दहिया,डा.प्रदीप सिंह व टेक्नोवा के कोकोर्डीनेटर डा.राजेश्वरदास आदि उपस्थित थे।